India News (इंडिया न्यूज), India Bangladesh Relations: 5 अगस्त 2024 के बाद से बांग्लादेश और भारत के रिश्ते में काफी उतार-चढाव देखने को मिल रहे है। शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से बांग्लादेश में भारत विरोधी ताकतों ने सर उठाने शुरू कर दिए। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के सत्ता संभालने के बाद से चीजें और ख़राब हो गई। दुनिया भर के विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर भारत चाहे तो बांग्लादेश बिना किसी हथियार के ही खत्म हो जाएगा, लेकिन फिर भी अगर यह पड़ोसी देश खुद डूबना चाहता है, तो कोई क्या कर सकता है।
इन चीजों के लिए भारत पर बांग्लादेश की निर्भरता बहुत अधिक है। वहीं दूसरी तरफ 94 फीसदी सीमा भारत से लगती है। जानकारी के अनुसार, दोनों देश 4,367 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं, जो बांग्लादेश की कुल अंतरराष्ट्रीय सीमा का 94 फीसदी है। इस चीज से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि, भारत के सहयोग के बिना उसका व्यापार नहीं चल पाएगा। पाकिस्तान के बहकावे में आकर उसने भारत का विरोध करना शुरू कर दिया है और चीन तथा पाकिस्तान उसे व्यापार करने के लिए लुभा भी रहे हैं, लेकिन बांग्लादेश तक पहुंचने के एकमात्र रास्ते बंगाल की खाड़ी से माल भेजना न केवल मुश्किल होगा, बल्कि बहुत महंगा भी होगा।
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हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, 94% सीमा साझा करने के कारण बांग्लादेश सामरिक और सुरक्षा की दृष्टि से पूरी तरह हम पर निर्भर है। इसके अलावा कपास, लहसुन, प्याज, गेहूं, चावल, चीनी, अनाज, पेट्रोल-डीजल, बिजली के उपकरण, प्लास्टिक और स्टील के लिए भारत उसका एकमात्र साझेदार है। अगर भारत इन चीजों के निर्यात से मुंह मोड़ लेता है, तो उसकी बर्बादी तय है। जहां तक भारत के लिए बाजार का सवाल है, तो इसकी भरपाई दूसरे तरीकों से होगी। भारत और बांग्लादेश दक्षिण एशिया के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार हैं। 2022-23 में दोनों देशों का कुल व्यापार करीब 16 अरब डॉलर था, जिसमें बांग्लादेश से निर्यात सिर्फ 2 अरब डॉलर और भारत से 14 अरब डॉलर था। जाहिर है, बांग्लादेश की भारतीय वस्तुओं पर निर्भरता किस हद तक है, यह किसी से छिपा नहीं है।
अगस्त, 2024 से अब तक बांग्लादेश को काफी नुकसान हुआ है। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, शेख हसीना के कार्यकाल में यानी 2009 से जुलाई 2024 तक बांग्लादेश की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.3 फीसदी थी, जिसे अब मूडीज और एडीबी जैसी रेटिंग एजेंसियों ने 5 फीसदी से भी कम रहने का अनुमान लगाया है। जबकि उसकी जीडीपी 455 अरब डॉलर और प्रति व्यक्ति आय 2,784 डॉलर तक पहुंच गई थी, लेकिन अगस्त से अब तक सिर्फ 4 महीनों में बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को करीब 2 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
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