India News(इंडिया न्यूज),Myanmar Unrest: म्यांमार के चीन बॉर्डर से मिलते हुए शान प्रांत और आसपास के क्षेत्रों में अक्टूबर से लगातार झड़पें और हिंसा हो रहा है। तीन जातीय समूहों के सशस्त्र गठबंधन ने आंग मिन ह्लाइंग के नेतृत्व वाले जुंटा शासन के खिलाफ संघर्ष छेड़ रखा है। जुंटा कहे जाने वाले म्यांमार के सैन्य शासक भी इस भीषण प्रतिरोध को खत्म करने के लिए कोशिश कर रहे हैं। रविवार को विद्रोही एमएनडीएए, एए और टीएनएलए ने जुंटा को बड़ा झटका देते हुए चीन की ओर जाने वाली एक बॉर्डर क्रॉसिंग पर कब्जा कर लिया। विद्रोहियों ने उत्तरी म्यांमार में जुंटा पर भी दर्जनों सैन्य ठिकानों और चीन के साथ व्यापार के लिए महत्वपूर्ण शहर पर नियंत्रण हासिल किया है।
जुंटा के लिए बड़ी समस्या पैसे की कमी है, क्योंकि कमर्शियल रूट विद्रोहियों ने कब्जे में लेकर अवरुद्ध कर दिए हैं। विद्रोहियों ने क्यिन सैन क्यावत में सीमा व्यापार क्षेत्र में भी अपना झंडा फहरा दिया। क्यिन सैन क्यावत म्यांमार-चीन सीमा पर एक प्रमुख व्यापारिक बिंदु है। यहीं से मशीनरी, विद्युत उपकरण, कृषि ट्रैक्टर और उपभोक्ता वस्तुएं देश में आती हैं। विद्रोही ‘ऑपरेशन 1027’ भी चला रहे हैं, जिसमें सैन्य-विरोधी ताकतों के बीच अभूतपूर्व समन्वय देखा जा रहा है। इस ऑपरेशन के तहत विद्रोहियों ने कई शहरों और 100 से अधिक सुरक्षा चौकियों पर कब्जा कर लिया है।
म्यांमार में विद्रोहियों और जुंटा के बीच चल रहे संघर्ष से चीन चिंतित है। इसकी सुरक्षा संबंधी चिंताएं इस हद तक बढ़ गई हैं कि उसने शनिवार को म्यांमार के साथ अपनी सीमा पर सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया। चीन ने अपने नागरिकों से उत्तरी म्यांमार छोड़ने का आग्रह किया है। म्यांमार का उत्तरी शान राज्य पहले ही संघर्ष के कारण 80,000 से अधिक लोगों का विस्थापन देख चुका है। इनमें से कुछ लोग चीन में भी प्रवेश कर चुके हैं।
बीजिंग के दक्षिणी थिएटर कमांड ने कहा कि उसने सैनिकों की सीमाओं को नियंत्रित और बंद करने की क्षमता का परीक्षण करने के लिए म्यांमार के साथ सीमा पर लड़ाकू प्रशिक्षण गतिविधियां शुरू की हैं। जिससे सामान ले जा रहे ट्रकों के एक काफिले में आग लगने के एक दिन बाद सेना सभी प्रकार की आपात स्थितियों का जवाब देने के लिए तैयार रहे और यह अभ्यास म्यांमार में शुरू किया गया है।
म्यांमार में फैले अशांति का असर भारत पर भी पड़ा है। नवंबर के शुरू में काफी म्यांमारी सैनिक जातीय विद्रोहियों से बचने के लिए भारत में घुस आए थे। भारत ने उनमें से अधिकांश को उसी सप्ताह के भीतर एक अन्य सीमा पार से वापस भेज दिया था। 17 नवंबर को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत म्यांमार में स्थायी शांति की कामना करता आ है और हिंसा में लगतार हो रही वृद्धि पर चिंतित है। उन्होंने कहा, हम म्यांमार में लोकतंत्र, शांति और स्थिरता की वापसी के लिए अपना आह्वान दोहराते हैं।
बता दें कि नवंबर के पहले दो हफ्तों में हिंसा से भागकर म्यांमार से करीब 5,000 लोग मिजोरम में आ गए हैं। इन 5,000 लोगों ने म्यांमार सीमा के पास मिजोरम के दो गांवों में शरण ली है। म्यांमार से मिजोरम में हजारों शरणार्थियों के आने से भारत के उत्तर-पूर्व के सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव फैलने को लेकर चिंताए बढ़ रही हैं। ऐसे में भारत की म्यांमार की स्थिति पर लगातार नजर है।
यह भी पढ़ेंः-
Contents:Как определить разворот тренда на ФорексТест стратегии форекс «Лимитка»: +95,14% по GBP/USD за 12 месПример…
Navratri 2022 9th Day Maa Siddhidatri Puja Vidhi Vrat Katha Mantra Aarti in Hindi: नवरात्र…
Contents:Selling your item to BuyBackWorld is as easy as…GoPro swings to a surprise profit but…
Contents:India DictionaryProject Finance & Structuring SBUTop Reasons to Start Investing at an Early AgeManaging money…
Sonia Gandhi Meet Opposition parties : कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी शुक्रवार को वीडियो…
Bollywood Actress Troll : 2018 में फिल्म लवयात्री से बॉलीवुड में एंट्री करने वाली एक्ट्रेस…