India News (इंडिया न्यूज़), North Atlantic Treaty Organization: नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) पिछले कुछ सालों से रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण लगातार चर्चा में है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नाटो के विस्तार को रूस के लिए खतरा मानते हैं। इसी कारण यूक्रेन के साथ युद्ध भी छिड़ा। इसके बावजूद स्वीडन और फिनलैंड जैसे नए सदस्य नाटो से जुड़ते गए और अब इसके सदस्य देशों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। पश्चिमी और यूरोपीय देशों का यह सैन्य गठबंधन दिन-प्रतिदिन मजबूत होता जा रहा है।
ऐसे में दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इसका महासचिव कौन होगा। जेन्स स्टोलटेनबर्ग पिछले 10 सालों से इस पद पर थे। लेकिन उनका कार्यकाल इस साल 1 अक्टूबर को खत्म हो रहा है। ऐसे में नए नाटो महासचिव के नाम का ऐलान कर दिया गया है। रूटो 1 अक्टूबर को संभालेंगे कमान नीदरलैंड के निवर्तमान प्रधानमंत्री मार्क रूटे नाटो के अगले महासचिव होंगे। 1 अक्टूबर को वे स्टोलटेनबर्ग से नाटो की कमान संभालेंगे। रूटो यूरोपीय देश नीदरलैंड से हैं जबकि स्टोलटेनबर्ग नॉर्वे के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। इससे पहले एंडर्स फोग नाटो की कमान संभाल रहे थे। फॉग डेनमार्क के थे।
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इस तरह से देखें तो अब तक नाटो में कुल 13 महासचिव रह चुके हैं। रूटे 14वें होंगे लेकिन नाटो के इतिहास में अमेरिका ने कभी अपना महासचिव बनाने की कोशिश नहीं की। लेकिन यहां यह जानना जरूरी है कि नाटो के ACO यानी एलाइड कमांड ऑपरेशंस का पद हमेशा अमेरिका के पास रहा है।
ACO का काम नाटो के सहयोगी देशों के बीच किसी भी ऑपरेशन की योजना बनाना और उसे लागू करना है। SCO का नेतृत्व करने वाले कमांडर को सुप्रीम एलाइड कमांडर यूरोप (SACEUR) कहा जाता है। अब तक इस पद के लिए कुल 20 अधिकारियों का चयन किया जा चुका है। ये सभी अमेरिकी सेना, वायुसेना या नौसेना के अधिकारी रहे हैं।
फिलहाल इस पद पर क्रिस्टोफर जी कैवोली तैनात हैं। कैवोली अमेरिकी सेना में जनरल हैं और 4 जुलाई 2022 से उन्हें SCO के सुप्रीम एलाइड कमांडर यूरोप के पद पर तैनात किया गया है। उनसे पहले टॉड डी वोल्टर्स हुआ करते थे। वे अमेरिकी वायुसेना के अधिकारी थे। वोल्टर्स इस पद पर करीब तीन साल तक रहे।
इस पद पर पहली नियुक्ति डी. आइजनहावर की हुई थी। आइजनहावर अमेरिकी सेना में काम करते थे और जनरल के पद पर तैनात थे। उन्होंने 1951 से 1952 तक सुप्रीम एलाइड कमांडर यूरोप का पद संभाला था।
वर्तमान में नाटो के कुल 32 सदस्य देश हैं। इन देशों के नाम हैं- अल्बानिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, कनाडा, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आइसलैंड, इटली, लातविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, मोंटेनेग्रो, नीदरलैंड, उत्तरी मैसेडोनिया, नॉर्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन, स्वीडन, तुर्की, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका।
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