विदेश

ड्रैगन ने फिर चली लोमड़ी चाल, पाकिस्तान के बाद भारत का यह भी पड़ोसी हुआ ‘कंगाल’, अब जिनपिंग के खिलाफ PM मोदी उठाएंगे ये कदम

India News (इंडिया न्यूज), Nepal Economic Crisis: चीन हमेशा भारत के खिलाफ कोई न कोई चाल चलते रहता है। जिसके लिए ड्रैगन सबसे अधिक सहारा भारत के पड़ोसी देशों से लेता है। वहीं ये छोटे-छोटे देश चीन की लोमड़ी दिमाग में आसानी फंस जाते हैं। जिसका परिणाम बेहद खतरनाक होता है।इससे पहले हमने देखा है कि कैसे चीन ने श्रीलंका, मालदीव और बांग्लादेश के अर्थव्यवस्था को धीरे-धीरे बर्बाद कर दिया है। वहीं नेपाल की मौजूदा आर्थिक स्थिति पर नजर डालें तो साफ है कि देश गंभीर व्यापार घाटे से जूझ रहा है। जिसका एक बड़ा कारण नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली का चीन प्रेम भी है।

गंभीर व्यापार घाटे में नेपाल

बता दें कि, नेपाल को जुलाई से नवंबर 2024 तक 460 अरब रुपये का व्यापार घाटा हुआ है। यह घाटा मुख्य रूप से आयात और निर्यात के बीच असंतुलन की वजह से हुआ है। नेपाल ने वित्तीय वर्ष के इन चार महीनों में 513.38 अरब रुपये का सामान आयात किया, जबकि उसका निर्यात सिर्फ 52.67 अरब रुपये तक सीमित रहा। यह भारी असंतुलन व्यापार घाटे का मुख्य कारण है। वहीं सीमा शुल्क विभाग के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्तीय वर्ष के पहले चार महीनों में नेपाल का व्यापार घाटा 460.71 अरब रुपये तक पहुंच गया। सीमा शुल्क विभाग के अनुसार, इस बार जुलाई से नवंबर मध्य तक पिछले साल की तुलना में आयात में 0.17 फीसदी और निर्यात में 4.16 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू, अडानी-मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष कर सकता है चर्चा की मांग, जानें किन बिलों को लाने की तैयारी में केंद्र सरकार

केपी शर्मा ओली का चीन प्रेम

दरअसल, नेपाल अपने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व में चीन के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया। इस बीच खबर है कि वह एक बार फिर चीन की यात्रा पर जा रहे हैं। ओली सरकार ने बीआरआई (बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव) समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसका भारत ने विरोध किया था। शायद इसी वजह से नेपाल को आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं व्यापार घाटे को कम करने के लिए नेपाल को निर्यात क्षमताओं को बढ़ावा देना होगा और आयात पर निर्भरता कम करनी होगी। साथ ही चीन और भारत दोनों के साथ संतुलित व्यापार और कूटनीतिक संबंध बनाए रखना जरूरी है।

भारत के साथ व्यापर प्रभावित

बता दें कि, भारत के साथ नेपाल के व्यापारिक रिश्ते काफी प्रभावित हुए हैं। जिससे दोनों के बीच 281 अरब रुपये का घाटा हुआ है। उदाहरण के लिए, सिर्फ इस साल जुलाई से नवंबर के बीच नेपाल ने भारत से 317 अरब रुपये का सामान आयात किया, जिसमें डीजल (29.4 अरब रुपये), पेट्रोल (21.56 अरब रुपये) और एलपीजी (18.85 अरब रुपये) प्रमुख थे। जबकि बदले में नेपाल ने भारत को केवल 36 अरब रुपये का सामान दिया है।

एक हो जाएंगे चाचा-भतीजा! महाराष्ट्र में हार पर छलका शरद पवार का दर्द, NCP और अजित पवार को लेकर अब ये क्या कह दिया?

Raunak Pandey

रौनक पांडे बिहार की माटी से निकलकर दिल्ली में पत्रकारिता को सीख और समझ रहे हैं. पिछले 1.5 साल से डिजिटल मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर सक्रिय हैं। अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय राजनीति पर लिखना पसंद है.

Recent Posts

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में पंचायत भवन में BJP कार्यकर्ता की जमकर हुई पिटाई, जानें क्या है पूरा मामला

India News (इंडिया न्यूज),CG Balrampur News: बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड स्थित सेमरवा गांव में पंचायत…

12 minutes ago

Champions Trophy 2025: इंडियन टीम से बाहर हो जाएंगे ये 5 स्टार खिलाड़ी! वजह जानकर उड़ जाएंगे होश

Champions Trophy 2025: पाकिस्तान की मेजबानी में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारत…

20 minutes ago

सपा नेता ने महिला सुरक्षा पर उठाए बड़े सवाल.. खोली UP सरकार की पोल, BSP नेता पर भी लगा डाले बड़े आरोप…

India News (इंडिया न्यूज), UP News: यूपी में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है.…

24 minutes ago