India News (इंडिया न्यूज), Nepal Landslide: नेपाल में अक्सर प्राकृतिक आपदा आते रहता है। जिसकी वजह से भारत के पड़ोसी मुल्क को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं नेपाल में पिछले सप्ताह हुए भीषण भूस्खलन के बाद लापता हुए कई लोगों का अब तक पता नहीं चल पाया है। इस वजह से नेपाल सरकार की अपील पर भारत ने 12 सदस्यों की एक टीम काठमांडू भेजी गई है। जो लापता लोगों की तलाश करेगी। दरअसल, कुछ दिन पहले हुए भूस्खलन के बाद दो बसों के यात्री उफनती नदी में बह गए थे। वहीं अब लापता लोगों की तलाश में मदद के लिए रविवार को 12 भारतीय बचावकर्मी भी नेपाली सुरक्षा बलों की टीमों में शामिल हुए।
बता दें कि, नेपाल के अनुरोध पर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की भारतीय बचाव टीम शनिवार (20 अप्रैल) को बागमती प्रांत के चितवन पहुंची। एक बस में सात भारतीय नागरिक सवार थे, जिनमें से अब तक तीन के शव बरामद हो चुके हैं। नेपाल में 12 जुलाई को भूस्खलन की वजह से त्रिशूली नदी में बह गई बसों की तलाश के लिए भारत से सहायता मांगी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय टीम ने रविवार सुबह तलाशी अभियान शुरू किया। नारायणघाट-मुग्लिन सड़क खंड पर भूस्खलन की चपेट में आकर 65 यात्रियों को ले जा रही दो बसों के त्रिशूली नदी में बह जाने के बाद कम से कम 19 शव बरामद किए गए हैं।
Nepal Landslide
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वहीं हादसे के समय तीन यात्री बस से बाहर निकलने में सफल रहे और तैरकर किनारे पर पहुंच गए। वहीं भारतीय बचाव दल में तीन सोनार कैमरों सहित आवश्यक उपकरणों से लैस भारतीय दल में चार गोताखोर शामिल हैं।
नेपाल सेना, पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल की कई बचाव और तलाशी टीमें घटना के दिन से ही बसों और यात्रियों के मलबे की तलाश कर रही हैं। लेकिन अभी तक उन्हें बहुत कम सफलता मिली है। दोनों बसों में सवार यात्रियों के शव त्रिशूली नदी में 100 किलोमीटर तक बह गए। बसों के साथ बह गए 62 यात्रियों में से 24 के शव नेपाल और भारत के विभिन्न स्थानों से बरामद किए गए हैं। हालांकि, केवल 15 शवों की पुष्टि बस में सवार यात्रियों के होने की हुई है। सूत्रों ने बताया कि बरामद किए गए शवों में से कम से कम चार भारतीय हैं।
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