India News (इंडिया न्यूज),Nepal:नेपाल की राजधानी काठमांडू के कोटेश्वर इलाके में शुक्रवार को भट-भटेनी सुपरमार्केट में हुई तोड़फोड़ और लूटपाट की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यह सुपरमार्केट नेपाल के सबसे बड़े बाजारों में से एक है, जहां हर दिन हजारों ग्राहक खरीदारी के लिए आते हैं। विरोध प्रदर्शन के दौरान उग्र प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ भारी तोड़फोड़ की बल्कि करीब एक करोड़ रुपये का सामान भी लूट लिया। इस घटना से व्यापारियों और स्थानीय निवासियों में दहशत का माहौल है। भट-भटेनी सुपरमार्केट के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) पानू पौडेल ने बताया कि इस हिंसा में सुपरमार्केट को करीब 80 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। इसके अलावा लूटपाट में करीब 64.88 लाख रुपये का सामान लूट लिया गया। प्रदर्शनकारियों ने मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक सामान, महंगे ब्रांडेड उत्पाद और अन्य कीमती वस्तुओं को निशाना बनाया। इसके अलावा सुपरमार्केट के बाहर लगे कांच के पैनल भी क्षतिग्रस्त कर दिए गए, जिससे इमारत को भारी नुकसान पहुंचा है। नुकसान का आकलन अभी भी जारी है।
सीओओ पौडेल के अनुसार, कुल नुकसान का आकलन अभी भी जारी है, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार इमारत के बाहर लगे शीशे के पैनल टूटने से 11.85 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं, शोकेस और अन्य सजावटी सामग्री को नुकसान पहुंचने से 2.65 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। इसके अलावा सुपरमार्केट के काउंटर से करीब 94,000 रुपये की नकदी भी लूट ली गई। यह घटना प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था की विफलता को भी उजागर करती है, क्योंकि इतने बड़े बाजार में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे।
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स्थानीय पुलिस और काठमांडू घाटी अपराध जांच कार्यालय की टीम ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए अब तक नौ संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि ये गिरफ्तारियां शनिवार और रविवार को की गई हैं। फिलहाल जांच जारी है और पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस लूट में और कौन-कौन शामिल हो सकता है। प्रशासन का कहना है कि हिंसा और तोड़फोड़ में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश भी तेजी से की जा रही है।
घटना का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि यह हिंसा एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई, जिसका नेतृत्व राजशाही समर्थक समूहों ने किया था। विरोध प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ता जबरन सुपरमार्केट में घुस गए और न सिर्फ तोड़फोड़ की, बल्कि महंगे सामान भी लूट लिए। इससे सवाल उठता है कि क्या विरोध के नाम पर हिंसा और अराजकता को बढ़ावा दिया जा रहा है? व्यापारियों और स्थानीय कारोबारियों के लिए यह गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
इस घटना के बाद नेपाल सरकार और प्रशासन पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने का दबाव बढ़ गया है। व्यापारियों ने सरकार से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। इस घटना ने राजधानी काठमांडू में कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और स्थानीय व्यापारियों में डर का माहौल पैदा कर दिया है।
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