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UP से है नेतन्याहू का सबसे बड़ा दुश्मन,मुसलमान करते है उसकी पूजा,जानें इजरायल के लिए कैसे बना काल

Divyanshi Singh • LAST UPDATED : October 15, 2024, 5:12 pm IST

India News (इंडिया न्यूज),Ayatollah Ali Hosseini Khamenei: ईरान और इजरायल करीब 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इजरायल ने ईरान से बदला लेने का ऐलान किया है। इसके बाद दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ने की संभावना बढ़ गई है। इस बीच ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली होसैनी खामेनेई सुर्खियों में हैं। उनका भारत से भी नाता है और उनके पूर्वज उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के एक गांव से हैं। ईरान के सबसे बड़े नेता और सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली होसैनी खामेनेई के पूर्वज बाराबंकी के किंटूर गांव से हैं। यह गांव जिले की सिरौली गौसपुर तहसील में आता है।

UP के इस गांव से हैं खामेनेई के दादा

अयातुल्ला अली होसैनी खामेनेई के दादा सैयद अहमद मूसावी हिंदी का जन्म इसी गांव में साल 1790 में हुआ था। बाद में वे ईरान चले गए और वहां खामेनेई गांव में बस गए। अयातुल्ला खामेनेई का यूपी के बाराबंकी से नाता ईरान एक शिया बहुल देश है। भारत में भी एक करोड़ से ज्यादा शिया हैं। यहां के शिया धार्मिक यात्रा के लिए ईरान और इराक जाते हैं। यहां उनके पवित्र तीर्थस्थल हैं। नबावी काल में भारत के अवध क्षेत्र में शिया मुसलमानों की आबादी अच्छी थी। आज भी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और उसके आसपास शिया समुदाय बड़ी संख्या में रहता है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली होसैनी खामेनेई के दादा सैयद अहमद मूसावी हिंदी लखनऊ के पास बाराबंकी जिले के किंटूर गांव में रहा करते थे।

इस वजह से इरान गए थे खामेनेई के दादा

1830 में सैयद अहमद मूसावी 40 साल की उम्र में अवध के नवाब के साथ धार्मिक यात्रा पर इराक और फिर ईरान गए। ईरान जाने के बाद उनका वहां से वापस आने का मन नहीं हुआ और वे वहीं खामेनेई गांव में बस गए। यहां बसने के बाद उनके बेटे अयातुल्ला मुस्तफा हिंदी का जन्म हुआ। वर्ष 1902 में अयातुल्ला मुस्तफा हिंदी के बेटे अयातुल्ला अली होसैनी खामेनेई का जन्म हुआ। बाराबंकी के किंटूर में रहने वाले लोगों ने बताया कि अयातुल्ला रूहुल्लाह खामेनेई के दादा सैयद अहमद मूसावी हिंदी का जन्म 1790 में यहीं हुआ था।

भारत को लेकर कही थी यह बात

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली होसैनी खामेनेई ने हाल ही में भारत के खिलाफ विवादित बयान दिया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर भारतीय मुसलमानों पर अत्याचार का आरोप लगाया था। उन्होंने ट्विटर पर लिखा था कि अगर लोगों को म्यांमार, गाजा, भारत या किसी अन्य जगह पर किसी मुसलमान की पीड़ा के बारे में पता नहीं है तो उन्हें खुद को मुसलमान नहीं मानना ​​चाहिए। अयातुल्ला अली होसैनी खामेनेई के बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने करारा जवाब देते हुए कहा कि भारतीय मुसलमानों पर बोलने से पहले उन्हें अपनी अंतरात्मा में झांकना चाहिए।

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