India News(इंडिया न्यूज़), North Korea: दुनिया का सबसे सख़्त क़ानून वाला देश नॉर्थ कोरिया ने बड़ा फैसला लिया है। मिली जानकारी के मुताबिक नॉर्थ कोरिया दुनिया भर के कई देशों में मौजूद अपने दूतावासों को वापस बुलाने का फैसला लिया है। नॉर्थ कोरिया ने स्पेन, हांगकांग और अफ्रीका के कई देशों में दूतावासों को बंद करने का फैसला लिया है। जिसे लेकर दक्षिण कोरिया ने भी अपनी टिप्पणी दी है।

  • अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण अर्थव्यवस्था संकट
  • अस्तित्व बनाये रखने के लिए कई कठिनाइयों का सामना

अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण बढ़ा संकट

दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया के इस फैसले पर तंज कसते हुए कहा कि नॉर्थ कोरिया के इस फैसले से यह प्रतीत होता है कि वह देश भारी आर्थिक संकटों के दौर से गुजर रहा है। साथ ही कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण उत्तर कोरिया पर कई तरह का दवाब है। विदेशों में अपना अस्तित्व बनाये रखने के लिए कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

इन देशों में दूतावासों को बंद किया

बता दें कि बीते सोमवार को नॉर्थ कोरिया द्वारा जानकारी दी गई कि पिछले सप्ताह दो अफ्रीकी देशों मसलन अंगोला और युगांडा में अपने दूतावासों को बंद कर दिया गया है। बता दें कि इन दोनों देशों का 1970 के दशक से उत्तर कोरिया के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध था। अह दूतावास बंद होने के कारण राजनयिक संबंध में खटास आ गई है।

मिसाइल कार्यक्रमों के विस्तार को रोकना मकसद

बता दें North Korea के इस फैसले को लेकर पूरे देश में चर्चा है। लोगों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण यहां कि अर्थव्यवस्था संकट में नजर आ रही है। बता दें कि यह प्रतिबंध उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों के विस्तार को रोकने के लिए लगाए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो आर्थिक संकट के कारण ही उत्तर कोरिया को विदेशों में अपने दूतावासों के रखरखाव में भारी संकटों का सामना करना पड़ रहा था जिसकी वजह से दूतावासों को बंद करना पड़ा।

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