India News (इंडिया न्यूज),Israel Hezbollah War:पहले हमास प्रमुख इस्माइल हनीया और अब हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद यह सवाल उठ रहा है कि इजरायल के रडार पर अगला कौन है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में भाषण देते हुए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि युद्ध तभी खत्म होगा जब आतंकवाद का पूरी तरह से खात्मा हो जाएगा। नेतन्याहू के इस भाषण के तुरंत बाद इजरायल ने बेरूत पर हमला कर दिया। यह हमला न्यू ऑर्डर ऑपरेशन के तहत किया गया। इजरायल अपने विरोधी संगठनों के शीर्ष कमांडरों को मारने के लिए यह ऑपरेशन चला रहा है।
याह्या सिनवार हमास का प्रमुख है। फिलहाल इजरायल की मुख्य लड़ाई हमास से है। हमास ने इजरायल पर अपना पहला बड़ा हमला अक्टूबर 2023 में किया था। तब से दोनों के बीच युद्ध चल रहा है। इस युद्ध में अब तक 1700 इजरायली नागरिक मारे जा चुके हैं। हालांकि इजरायल हमास को भी खत्म करने में लगा हुआ है। इजराइल ने अब तक हमास के कई कमांडरों को मार गिराया है, लेकिन उसके हाथ अभी तक सिनवार की गर्दन तक नहीं पहुंच पाए हैं। हाल ही में हवाई हमले में सिनवार की मौत की खबर भी आई थी।
गाजा में जन्मे सिनवार इजराइली सैनिकों की हत्या के मामले में जेल भी जा चुके हैं। सिनवार को इजराइल ने 2011 में एक समझौते के तहत जेल से रिहा किया था। उसके बाद से सिनवार हमास में शामिल हो गए।2017 में सिनवार हमास के नेता चुने गए। 2021 में उन्हें दूसरी बार यह कुर्सी मिली। बताया जाता है कि इसी साल इजराइल ने उन्हें मारने की कोशिश भी की थी, लेकिन सिनवार चकमा देकर बच निकले।अरबी भाषा में ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई कर चुके सिनवार को हमास के अंदर कूटनीतिक नेता माना जाता है।
अली खामेनेई ईरान के सुप्रीम लीडर हैं। नसरल्लाह की हत्या के बाद ईरान ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी है। इजराइल का आरोप है कि हिजबुल्लाह और हमास के समर्थन के पीछे ईरान का हाथ है। दोनों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है।अगस्त के महीने में दोनों देशों की ओर से ड्रोन और हवाई हमले किए गए हैं। खामेनेई ने बेरूत में हुए बम धमाके को गंभीर अपराध करार दिया है। खामेनेई का कहना है कि इजराइल बच्चों और महिलाओं को निशाना बना रहा है।इन सबके बीच खबर है कि खामेनेई ने शनिवार रात को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।1989 में खामेनेई को खोमैनी से सुप्रीम लीडर की कुर्सी मिली थी। ईरान में सुप्रीम लीडर को प्रशासनिक मुखिया माना जाता है। सुप्रीम लीडर के पास सेना की बागडोर होती है।
अब्दुल मलिक अल हौथी यमन के हौथी संगठन का मुखिया अब्दुल मलिक अल हौथी भी इजराइल के रडार पर है। हौथी संगठनों ने जुलाई 2024 में इजराइल पर पहली बार हमला किया था। 17 सितंबर 2024 को हौथी विद्रोहियों ने इजराइल पर मिसाइल दागी थी। मिसाइल दागने के बाद अब्दुल मलिक ने बयान जारी कर इसकी जिम्मेदारी ली थी।हौथी संगठनों ने कहा कि हम इस्लाम को मानते हैं और हम चाहते हैं कि इजराइल के लोग बंकर में रहें, इसलिए हम मिसाइल दाग रहे हैं।
आने वाले समय में हम इसकी गति बढ़ाएंगे। उस समय इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हौथी विद्रोहियों को चेतावनी दी थी। हौथी यमन के जैदी मुसलमानों का संगठन है। 10 सितंबर 2004 को अब्दुल मलिक अल हौथी को इसकी कमान मिली थी। अब्दुल को यह कुर्सी अपने भाई हुसैन से विरासत में मिली थी। हुसैन को यमन का बड़ा नेता माना जाता था। 2015 में यमन विद्रोह के दौरान अब्दुल हौथी पूरी दुनिया में सुर्खियों में रहा था। उस समय अब्दुल ने संगठन के लोगों के सामने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा करने का खुलेआम ऐलान किया था। संयुक्त राष्ट्र ने अब्दुल पर प्रतिबंध लगा रखे हैं। हालांकि, उस समय भी ईरान ने अब्दुल का खुलकर समर्थन किया था।
बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में इजराइल ने ऑपरेशन न्यू ऑर्डर शुरू किया है। इस ऑपरेशन के तहत इजराइल इजराइल विरोधी संगठनों के शीर्ष कमांडरों को खत्म कर रहा है। इसके लिए इजराइल एक खास पैटर्न का इस्तेमाल कर रहा है। इजराइल सबसे पहले उन लोगों को अपने रडार पर रखता है, जिन्हें उसे खत्म करना है। इसके बाद इन लोगों के बारे में खुफिया जानकारी जुटाई जाती है। फिर आखिर में सही जगह पर हमला किया जाता है।
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