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इस मुस्लिम देश में चचेरी बहन से शादी बनी अभिशाप, पैदा हो रहे ऐसे बच्चे…अंजाम देख कर कांप गई दुनिया

Ankita Pandey • LAST UPDATED : October 23, 2024, 9:37 am IST

India News (इंडिया न्यूज), First Cousin Marriage In Pakistan: इस्लाम दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है। इस धर्म के अनुयायियों की संख्या अरबों में है। जब 7वीं शताब्दी के आसपास इस धर्म की उत्पत्ति हुई थी, तब इसे सबसे आधुनिक धर्म बताया गया था। इस धर्म के नियम-कायदे बहुत आधुनिक और वैज्ञानिक थे। लेकिन, समय बीतने के साथ-साथ कई अन्य धर्मों की तरह इसमें भी कई बुराइयाँ आ गईं। कई ऐसे नियम-कायदे बनाए गए जो इस्लाम के मूल सिद्धांतों से मेल नहीं खाते थे।

चचेरी बहन से शादी करना होती है पहली योजना

बल्कि आज की कहानी एक ऐसे इस्लामिक देश की है जहां हर लड़के की पहली कोशिश अपनी चचेरी बहन से शादी करने की होती है। इस कोशिश में आधे से ज़्यादा शादियां परिवार के भीतर ही होती हैं। ऐसी शादियों की वकालत करने वाले इसके कई फ़ायदे गिनाते हैं, लेकिन सच तो ये है कि इसकी वजह से ये देश बीमार लोगों का देश बनता जा रहा है।

परिवार के भीतर शादी की परंपरा

दरअसल, ये किसी तीसरी दुनिया के देश की बात नहीं बल्कि हमारे अपने पड़ोसी पाकिस्तान की बात है। वैसे तो दुनिया के सभी इस्लामिक देशों में परिवार के भीतर ही शादी करने की परंपरा रही है। इन देशों में बड़े पैमाने पर परिवार के भीतर ही शादियां होती हैं। लेकिन, विकास की रफ़्तार बढ़ने और मेडिकल साइंस के विकास के बाद ऐसी शादियों में कमी आई लेकिन पाकिस्तान अभी भी ऐसी शादियों का केंद्र बना हुआ है।

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न्यूज़ पोर्टल द फ्राइडे टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आज भी पाकिस्तान के ग्रामीण इलाकों में 65 से 70 फ़ीसदी शादियां परिवार के भीतर ही होती हैं। जबकि, शहरी इलाकों में ये प्रतिशत 55 से 60 फ़ीसदी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आज भी वहां 46 प्रतिशत शादियां सगे चचेरे भाइयों-बहनों के बीच होती हैं। इससे पाकिस्तान की अगली पीढ़ी गंभीर संकट में फंसती जा रही है। दरअसल, करीबी रक्त संबंधियों में शादी को लेकर भले ही कई तर्क दिए जाएं, लेकिन सच तो यह है कि ऐसे रिश्ते में अगली पीढ़ी के बीमार पैदा होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।

परिवार के खराब जीन

दरअसल, मेडिकल साइंस में ऐसा कहा जाता है कि रक्त संबंधियों की शादी में परिवार के खराब जीन लड़के और लड़की दोनों में एक जैसे ही रहते हैं। ऐसे में उस जीन के अगली पीढ़ी में ट्रांसफर होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर रक्त संबंधियों में शादी नहीं होती है, तो ऐसे खराब जीन के अगली पीढ़ी में ट्रांसफर होने की संभावना 50 फीसदी कम हो जाती है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य समाज में 2 से 3 प्रतिशत बच्चे असामान्य पाए जाते हैं, लेकिन जब रक्त संबंधियों की शादी होती है और उनके बच्चे पैदा होते हैं, तो उनमें से 6-8 प्रतिशत के असामान्य होने की संभावना होती है। ऐसे बच्चों में सिकल सेल एनीमिया, रक्त विकार, थैलेसीमिया, प्रजनन संबंधी समस्याएं और कई अन्य वंशानुगत बीमारियों की संभावना काफी बढ़ जाती है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रक्त संबंधियों में पैदा होने वाले 25 प्रतिशत बच्चों को अपेक्षाकृत लंबे समय तक डॉक्टर की निगरानी में रखने की जरूरत होती है। पाकिस्तानी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल करीब नौ हजार बच्चे पैदा होते ही थैलेसीमिया से पीड़ित पाए गए।

यूनिसेफ पाकिस्तान की एक रिपोर्ट के अनुसार हर 1000 बच्चों में से 78 बच्चे जन्म के समय ही मर जाते हैं, जो विश्व औसत से करीब दोगुना है। लैंसेट ग्लोबल हेल्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा वंशानुगत बीमारियां पाकिस्तान में पाई जाती हैं। इस तरह पाकिस्तान में पैदा होने वाले आधे से ज्यादा बच्चों में कोई न कोई वंशानुगत समस्या होती है।

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