India News (इंडिया न्यूज), Pakistan Missile Project: अमेरिका के विदेश विभाग ने पाकिस्तान के खिलाफ 12 सितंबर (गुरुवार) को बड़ा फैसला लिया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ उनका कड़ा रुख बरकरार है। अमेरिका ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोजेक्ट के लिए चीनी मदद पर रोक लगा दी है। जिन चीनी संस्थानों पर रोक लगाई गई है। वे पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम की आपूर्ति में शामिल बताए जा रहे हैं। फिलहाल अमेरिका के इस फैसले पर पाकिस्तान की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अमेरिकी विदेश विभाग ने पाकिस्तान की बैलिस्टिक मिसाइल परियोजना और प्रौद्योगिकी प्रसार में शामिल पांच चीनी कंपनियों और एक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की है।
इन चीनी कंपनियों पर लगा बैन
अमेरिकी विदेश विभाग के आदेश 13382 के अनुसार, बीजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑटोमेशन फॉर मशीन बिल्डिंग इंडस्ट्री (RIAMB) का विशेष रूप से नाम लिया गया है। यह कंपनी सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रणोदकों और उनके वितरण के साधनों पर काम करती है। प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बताया कि RIAMB ने पाकिस्तान को शाहीन-3 और अबाबिल सिस्टम से जुड़े उपकरणों की मदद की है। कंपनी ने पाकिस्तान के साथ मिलकर पाकिस्तानी मिसाइल प्रोजेक्ट के लिए रॉकेट मोटर्स के परीक्षण के लिए उपकरण खरीदे हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान स्थित इनोवेटिव इक्विपमेंट के साथ-साथ चीनी कंपनियों हुबेई हुआचांगडा इंटेलिजेंट इक्विपमेंट कंपनी, यूनिवर्सल एंटरप्राइज और शीआन लॉन्गडे टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट कंपनी पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रतिबंध में एक चीनी नागरिक भी शामिल है, जिस पर चीन को उपकरण सप्लाई करने में मदद करने का आरोप है।
चीन ने अमेरिकी कार्रवाई पर क्या कहा?
अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान की बैलिस्टिक मिसाइल परियोजना के खिलाफ उसकी कार्रवाई जारी रहेगी। चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने से संचालित हो रही हो। दूसरी ओर, चीन ने अमेरिका द्वारा लगाए गए इन प्रतिबंधों का विरोध किया है। अमेरिका में चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने कहा कि चीन इस तरह के एकतरफा प्रतिबंधों का कड़ा विरोध करता है। ऐसे प्रतिबंधों का अंतरराष्ट्रीय कानून या अमेरिकी सुरक्षा परिषद के अधिकार में कोई आधार नहीं है। बीजिंग हमेशा चीनी कंपनियों और लोगों के हितों की दृढ़ता से रक्षा करेगा।