India News(इंडिया न्यूज),Pakistan Mob Lynching: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में गुस्साई भीड़ ने कुरान का अपमान करने पर एक शख्स की हत्या कर दी। इस घटना में आठ लोग घायल हैं। घटना प्रांत के स्वात जिले की है। जहां कुरान का अपमान करने वाले शख्स को पुलिस हिरासत में मदयान थाने लाया गया था। गुस्साई भीड़ थाने पहुंची और संदिग्ध को सौंपने की मांग की। पुलिस ने मना किया तो भीड़ में गोलियां चलाई गईं। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की तो हालात बिगड़ गए।

गुस्साई भीड़ ने थाने पर हमला कर दिया और संदिग्ध को अपने साथ ले गई और थाने में तोड़फोड़ करने के बाद उसे आग लगा दी। भीड़ के पास ज्वलनशील पदार्थ था, जिससे भीड़ ने संदिग्ध को जलाकर मार डाला। पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने इस घटना को पागलपन बताया है। पाकिस्तान में समय-समय पर ईशनिंदा के मामले सामने आते रहे हैं। इसे लेकर कानून भी है, लेकिन वहां भीड़ ने जो किया उसकी सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है। किसी भी धर्म या संप्रदाय की आस्था का मजाक उड़ाना, धार्मिक प्रतीकों और चिह्नों से छेड़छाड़ करना ईशनिंदा के दायरे में आता है। जानिए पाकिस्तान समेत मुस्लिम देशों में ईशनिंदा के मामलों में क्या सजा दी जाती है।

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पाकिस्तान में कितनी सजा?

शुरुआत में पाकिस्तान में ईशनिंदा के मामलों में 10 साल की सजा दी जाती थी। जुर्माना भी लगाया जा सकता था, लेकिन 1980 में इसमें और धाराएं जोड़ दी गईं। यहां का कानून कहता है कि अगर कोई इस्लाम से जुड़े किसी व्यक्ति के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करता है तो उसे तीन साल की जेल की सजा हो सकती है। वहीं, कुरान का अपमान करने पर आजीवन कारावास की सजा दी जाती है। वहीं, पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ ईशनिंदा करने पर मौत या आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी।

किस मुस्लिम देश में कितनी सजा?

  • सऊदी अरब: यहां शरिया कानून लागू है। ईशनिंदा करने वाले व्यक्ति को मुर्तद यानी धर्म को न मानने वाला घोषित किया जाता है। जिसकी सजा मौत है।
  • ईरान: यहां 2012 में ईशनिंदा को लेकर पहले से बने कानून को और सख्त कर दिया गया। इसमें नई धाराएं जोड़ी गईं, जिसके तहत धर्म को न मानने वाले या धर्म का अपमान करने वाले को मौत की सजा दी जाती है। पैगंबर का अपमान करने पर मौत की सजा दी जाती है।
  • मिस्र: मिस्र के संविधान में 2014 में संशोधन किया गया। इसके बाद यहां इस्लाम को राष्ट्रीय दर्जा दिया गया और अन्य धर्मों को मान्यता दी गई। यहां का कानून कहता है कि ईशनिंदा प्रतिबंधित है। इसका उल्लंघन करने पर कम से कम 6 महीने और अधिकतम पांच साल की सजा हो सकती है।
  • इंडोनेशिया: दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले इस देश में इस्लाम, ईसाई धर्म, हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म का अपमान करना ईशनिंदा के दायरे में आता है। ऐसा होने पर अधिकतम पांच साल की सजा हो सकती है। धर्म विरोधी किताब पढ़ने पर केस दर्ज हो सकता है।
  • मलेशिया: यहां किसी भी धर्म का अपमान करना, समाज को गलत संदेश देना, लोगों को भड़काना, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना तीन साल की सजा और जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा धर्म विरोधी किताब या साहित्य पढ़ने पर भी केस दर्ज हो सकता है।

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