India News (इंडिया न्यूज), Pakistan News: ऐसा लग रहा है कि रमजान के महीने में खुदा पाकिस्तान पर मेहरबान हुआ है। पड़ोसी मुल्क तेजी से गरीबी के दिनों से बाहर आ रहा है। उसकी आर्थिक सेहत पटरी पर लौट रही है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पिछले कुछ महीनों में इस देश के खजाने में पैसों की बरसात हुई है। देश अल्पावधि में आर्थिक संकट से उबरता हुआ नजर आ रहा है। दरअसल, दाने-दाने को मोहताज हो चुकी पाकिस्तान सरकार को हाल ही में वहां की अदालतों से बड़ी राहत मिली है। उसे एक अदालती फैसले से एक ही बार में करीब 35 अरब रुपये मिल गए। वहां की दो बड़ी अदालतों ने सरकार के एक फैसले को सही बताते हुए बैंकों की अप्रत्याशित आय पर टैक्स लगाने को मंजूरी दे दी। अब आईएमएफ से भी बड़ी राहत मिली है।

IMF ने की ये घोषणा

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने घोषणा की कि उसने पाकिस्तान के साथ 1.3 अरब डॉलर (36.43 हजार करोड़ रुपये) के नए ऋण कार्यक्रम पर सहमति जताई है। साथ ही मौजूदा राहत पैकेज की भी समीक्षा की गई है, जिसके तहत मंजूरी मिलने पर पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर (करीब 28 हजार करोड़ रुपये) और मिलेंगे। यह नया ऋण 28 महीनों के लिए होगा और इसका उद्देश्य पाकिस्तान को जलवायु परिवर्तन से निपटने और उसकी चुनौतियों को कम करने में मदद करना है।

आईएमएफ ने अपने बयान में कहा कि इस नए कार्यक्रम और मौजूदा ऋण की समीक्षा को अभी कोष के कार्यकारी बोर्ड द्वारा मंजूरी मिलनी बाकी है। हालांकि, बोर्ड की मंजूरी आमतौर पर एक औपचारिक प्रक्रिया होती है, जिसके बाद कोष जारी किया जाता है।

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2023 में ऋण चुकाने के काबिल नहीं था पाकिस्तान

आपको जानकारी के लिए बता दें कि, पाकिस्तान 2023 में ऋण चुकाने में चूक करने की कगार पर था। उस समय देश में राजनीतिक संकट था और अर्थव्यवस्था भी खस्ताहाल थी। इससे देश पर कर्ज का बोझ इतना बढ़ गया कि उसे संभालना मुश्किल हो गया। उस समय आईएमएफ ने 7 अरब डॉलर का राहत पैकेज देकर पाकिस्तान को चूक से बचाया था। तब से देश की अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार हुआ है। मुद्रास्फीति दर में कमी आई है और विदेशी मुद्रा भंडार में भी वृद्धि हुई है।

धीरे-धीरे अपने कर्ज को कम करना चाह रहा पाकिस्तान

लेकिन यह 7 अरब डॉलर का पैकेज, जो 1958 के बाद से पाकिस्तान का 24वां आईएमएफ ऋण था, कुछ सख्त शर्तों के साथ आया था। इन हालातों में पाकिस्तान को अपने आयकर में सुधार और बिजली सब्सिडी कम करने जैसे कदम उठाने पड़े। बिजली क्षेत्र में भारी घाटे के कारण सरकार को सब्सिडी देनी पड़ी, जिसे कम करना अब जरूरी हो गया था। आईएमएफ ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान सरकार इन शर्तों को मानने के लिए तैयार है। सरकार धीरे-धीरे अपने कर्ज को कम करने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए सख्त मौद्रिक नीति, खर्च में कटौती और सुधारों पर जोर दिया जा रहा है। यह सब मौजूदा 37 महीने के कार्यक्रम की दूसरी समीक्षा के तहत हो रहा है।

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इस वजह से मिला नया कर्ज

आईएमएफ मिशन प्रमुख नाथन पोर्टर ने अपने बयान में कहा कि पिछले 18 महीनों में पाकिस्तान ने मुश्किल वैश्विक माहौल के बावजूद अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और भरोसा बहाल करने में बड़ी प्रगति की है। उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान देश ने कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन फिर भी स्थिति को सुधारने की कोशिश की। यह नया कर्ज खास तौर पर जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए है। हाल के वर्षों में बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं ने पाकिस्तान में भारी तबाही मचाई है, जिससे अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है। इस ऋण से सरकार को ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर तैयारी करने तथा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

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