India News (इंडिया न्यूज), China-Pakistan News: पाकिस्तान आर्थिक मदद से लेकर हथियारों तक हर चीज के लिए अपने सबसे अच्छे दोस्त चीन पर निर्भर है। आर्थिक तंगी से गुजर रहे पाकिस्तान के लिए चीन उम्मीद की किरण है। इसके बावजूद पाकिस्तान अपना दोगलापन दिखा ही देता है। इसका उदाहरण एक बार फिर देखने को मिला है। 6 चीनी नागरिकों को इतना परेशान किया गया कि उन्हें हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी। चीनी नागरिकों का आरोप है कि घर से बाहर निकलने के लिए भी पुलिस उनसे रिश्वत लेती है। उन्हें एक तरह से अपने घरों में कैद कर दिया गया है, जिससे उनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। चीनी नागरिकों की याचिका पर सिंध हाईकोर्ट ने विदेश मंत्रालय, चीनी दूतावास के साथ ही स्थानीय प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

6 चीनी नागरिकों पर पुलिस का उत्पीड़न

जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में 6 चीनी नागरिकों ने पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ सिंध हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें पैसे मांगने और सुरक्षा के नाम पर उनकी आवाजाही पर प्रतिबंध लगाना शामिल है। उन्होंने शुक्रवार को कराची स्थित सिंध हाईकोर्ट में याचिका दायर की। चीनी नागरिकों की याचिका पर दो जजों की पीठ ने सुनवाई की। पीठ ने विदेश मंत्रालय व अन्य को नोटिस जारी किया है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास व कराची स्थित उसके वाणिज्य दूतावास और संबंधित केंद्रीय व प्रांतीय स्तर के अधिकारियों से भी जवाब मांगा गया है।

शु हुई, डेंग हुआन व चार अन्य चीनी नागरिकों ने अपने वकील के जरिए याचिका दायर की। इसमें कहा गया कि वे सभी जरूरी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पाकिस्तान आए और देश में विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। घर से बाहर न निकलने देने से उनका काम बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

चीनी नागरिकों ने की अपील

यह पहली बार है कि चीनी नागरिकों ने पाकिस्तान में पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिकाकर्ताओं ने सिंध के मुख्य सचिव, प्रांतीय गृह सचिव, पुलिस महानिरीक्षक व अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को प्रतिवादी बनाया है। उन्होंने कहा कि देश में कानूनी रूप से रह रहे व निवेश कर रहे सभी विदेशी नागरिकों की सुरक्षा करना व उन्हें सुरक्षित माहौल मुहैया कराना पाकिस्तानी सरकार व प्रशासन की जिम्मेदारी है। पीड़ित चीनी नागरिकों के वकील रहमान महसूद ने बताया कि उनके मुवक्किलों ने सुरक्षा के नाम पर उत्पीड़न, रिश्वत की मांग, निजता के उल्लंघन और अन्य समस्याओं का सामना करने के बाद अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है।

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अपने ही घरों में कैदी

चीनी नागरिकों के वकील ने बताया कि उन्होंने शिकायत की है कि वे अपने ही घरों में कैदी बन गए हैं। पुलिसकर्मी बिना इजाजत उनके बेडरूम में घुस जाते हैं। अगर वे कहीं बाहर जाना चाहते हैं तो कुछ लोग ट्रांसपोर्ट सेवा उपलब्ध कराने के लिए भी रिश्वत मांगते हैं। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि सिंध पुलिस ने उन्हें छह से सात महीने तक परेशान किया। सुरक्षा के नाम पर कराची और सिंध में उन्हें प्रताड़ित किया गया। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि उनके आवास पर तैनात पुलिसकर्मी 30,000 से 50,000 रुपये की रिश्वत लेने के बाद ही उन्हें घर से बाहर जाने देते हैं। उन्हें एयरपोर्ट में भी प्रवेश नहीं करने दिया गया।

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