इंडिया न्यूज, काबुल:

10 सितंबर से सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक तालिबान कमांडर अन्य कमांडर्स के साथ बातचीत के दौरान कहता है कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तालिबान की प्रतिष्ठा खराब की है। एक चैनल की रिपोर्ट के अनुसार तालिबान और पाकिस्तान के बीच दरार का प्रमुख कारण कैबिनेट गठन है, जहां आईएसआई प्रमुख फैज हमीद ने हक्कानी नेटवर्क और क्वेटा शूरा के नामों का प्रस्ताव रखा था। तालिबान कमांडर को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि पंजाबी जनरल हमीद ने उनके लिए बड़ी समस्या खड़ी कर दी है। वायरल आॅडियो की आवाज तालिबान के उप रक्षा मंत्री मुल्ला फजल की बताई जा रही है। जो आईएसआई प्रमुख को लेकर कह रहे हैं कि पाकिस्तान ने समावेशी सरकार के गठन को रोका है। तालिबान ने पहले कहा था कि वह एक समावेशी सरकार बनाएंगे जिसमें ताजिक, उज्बेक समुदायों के साथ ही अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के नेताओं को सरकार में शामिल करेंगे। इसके साथ ही तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय मान्यता पाने के लिए अफगानिस्तान के पुराने नेताओं को भी शामिल करने का दावा किया था, लेकिन सरकार गठन के बाद तालिबान के ये सारे दावे खोखले साबित हुए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक आईएसआई प्रमुख का अफगानिस्तान की राजधानी काबुल का दौरा तालिबान सरकार गठन को लेकर ही था। चैनल ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि आईएसआई प्रमुख ने तालिबान पर हक्कानी नेटवर्क और क्वेटा शूरा के लोगों को कैबिनेट सदस्य बनाने को मजबूर किया है। वायरल आॅडियो में तालिबान कमांडरों और आईएसआई प्रमुख के अंगरक्षकों के बीच राष्ट्रपति भवन में गोलीबारी की घटना की ओर भी इशारा किया गया है।