India News(इंडिया न्यूज), Pakistan: पाकिस्तान की राजनीति में एक नया मोड़ देखने को मिला है। आपको बता दें कि पाकिस्तान ऐसा पहला देश है जो देश की सत्ता एक आतंकवादी के हाथ में सौंपने से भी नहीं कतराता। शायद इसलिए पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में इतना बहाल देखने को मिलता है। 26/11 को मुंबई में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद लौट आया है और चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर उतर रहा है। आइए इस खबर में हम आपको बताते हैं कि हाफिज सईद कौन है? और अगर ये जीत जाता है तो कैसी परिस्थितियां पैदा हो सकती है?
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शहबाज शरीफ की बढ़ सकती हैं मुसीबतें
पाकिस्तान का भारत विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आया है। मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा (JuD) की राजनीतिक शाखा ने करीब पांच महीने के अंतराल के बाद पाकिस्तान में अपनी राजनीतिक गतिविधियां फिर से शुरू कर दी हैं।
पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (PMML) ने शुक्रवार को महंगाई और बिजली व रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ लाहौर में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। माना जा रहा है कि PMML जेल में बंद हाफिज सईद के प्रतिबंधित समूहों का नया चेहरा है। प्रदर्शन को तबियाह कय्यूम और मुजम्मिल इकबाल हाशमी ने संबोधित किया, जिन्हें 2018 में अमेरिका ने वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया था।
चुनाव लड़ेगी सईद समर्थी PMML पार्टी
PMML ने फरवरी 2024 के आम चुनावों में हिस्सा लिया था। पाकिस्तान के विभिन्न शहरों से संगठन द्वारा नामित कुछ उम्मीदवार या तो सईद के रिश्तेदार हैं या अतीत में प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जमात-उद-दावा (जेयूडी) या मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) से जुड़े रहे हैं। पिछले शुक्रवार को महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन फरवरी के आम चुनावों के बाद पीएमएमएल द्वारा आयोजित पहली “खुली राजनीतिक गतिविधि” थी। हालांकि, पीएमएमएल ने सईद के संगठनों के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया।
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भारत से निभाता आया दुश्मनी
26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड सईद को आतंकवाद को वित्तपोषित करने के कई मामलों में पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी अदालतों द्वारा कई साल जेल की सजा सुनाई गई है और वह लाहौर में कैद है। 10 दिसंबर, 2008 को संयुक्त राष्ट्र ने उसे “वैश्विक आतंकवादियों” की अपनी सूची में शामिल किया।
पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा और उससे संबद्ध दलों और संस्थाओं को भी प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल किया है, जिनमें खैर नास इंटरनेशनल ट्रस्ट, फलाह इंसानियत फाउंडेशन, अल-अनफाल ट्रस्ट, खमताब खल्क इंस्टीट्यूशन, अल-दावत अल-अरशद, अल-हमद ट्रस्ट, अल-मदीना फाउंडेशन और मुआज बिन जबल एजुकेशनल ट्रस्ट शामिल हैं।