India News (इंडिया न्यूज), Pashtun Tahafuz Movement: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शुक्रवार को पीटीएम (पश्तून तहफुज मूवमेंट) काउंसिल की तीन दिवसीय बैठक शुरू हुई। वहीं पाकिस्तान सरकार किसी भी हालत में पीटीएम काउंसिल की बैठक नहीं होने देना चाहती थी। इस दौरान पाकिस्तानी पुलिस और पीटीएम काउंसिल की तैयारियों में लगे कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हो गई। जिसमें पीटीएम के 3 कार्यकर्ता मारे गए और कई घायल हो गए। दरअसल, स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पाकिस्तान सरकार को पीटीएम मीटिंग करने की इजाजत देनी पड़ी।

क्या है पीटीएम?

बता दें कि, कल मीटिंग के पहले दिन हजारों लोग पहुंचे। इसे देखकर पाकिस्तान की शहबाज सरकार में खलबली मच गई है। मीटिंग के दौरान पख्तूनख्वा के लोगों की अनदेखी करने के लिए पाकिस्तान सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया है। पश्तून तहफुज मूवमेंट (पीटीएम) खैबर पख्तूनख्वा में सक्रिय है, इसका गठन 2014 में हुआ था। यह पश्तूनों के हितों के लिए आवाज उठाता है। पीटीएम को इस इलाके में भारी जनसमर्थन मिला है। जिसके डर से पाकिस्तान सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं पाकिस्तान सरकार का आरोप है कि पीटीएम तालिबान आतंकियों की मदद करती है। हालांकि पीटीएम ने इन आरोपों को खारिज किया है।

Iran को इस अपने ने दिया सबसे बड़ा धोखा? Netanyahu ने मुस्लिम देश के साथ कर दिया खेला, तबाही के बाद खुला राज

बैठक से क्यों डरी शहबाज सरकार ?

शहबाज सरकार पीटीएम को खैबर पख्तूनख्वा में बैठक करने की इजाजत नहीं देना चाहती थी। लेकिन पीटीएम कार्यकर्ताओं की भीड़ और हुजूम को देखकर पाक सरकार और पुलिस बेबस हो गई। इस बैठक की इजाजत इस शर्त पर दी गई है कि बैठक में सरकार विरोधी नारे नहीं लगाए जाएंगे। दरअसल, पीटीएम खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के हितों की बात करती है, जिसे सरकार लंबे समय से नजरअंदाज करती आ रही है। पीटीएम के कई कार्यक्रमों में पाक विरोधी गतिविधियां भी देखने को मिली हैं। पख्तूनख्वा प्रांत के प्रशासन ने पहले ही कह दिया था कि हमारे लिए क्षेत्र में शांति सबसे जरूरी है। बैठक के दौरान किसी को भी किसी दूसरे देश का झंडा नहीं फहराने दिया जाएगा और न ही देश विरोधी नारे लगाए जाएंगे।

BJP को लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिया ऐसा बयान, सुनते ही PM मोदी को आ जाएगा भयंकर गुस्सा