Pegasus Maker Banned in America
इंडिया न्यूज, न्यूयार्क:
पेगासस सॉफ्टवेयर को लेकर भारत में पिछले कई महीनों से बहस छिड़ी हुई है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी है जोकि अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। वहीं अमेरिका में इस पेगासस सॉफ्टवेयर को बनाने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। यानि कि अब यह इजराइल कंपनी अमेरिका में किसी तरह का बिजनेस नहीं कर पाएगी।
दरअसल, भारत की तरह अमेरिका में भी यह जांच चल रही है कि इजराइली फर्म जासूसी में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर बेच रही थी। इस सॉफ्टवेयर के जरिए अमेरिका में भी कई अफसरों और पत्रकारों की जासूसी की गई। इसी मामले में अब अमेरिका सरकार ने पेगासस सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी को बैन कर दिया है।
इस मामले में अमेरिकी कॉमर्स डिपार्टमेंट ने कहा है कि पेगासस के जरिए जर्नलिस्ट्स और एक्टिविस्ट्स को निशाना बनाया जाता है। वहीं इसका इस्तेमाल सरकार विरोधी आवाज दबाने के लिए किया जाता है। यह अमेरिकी मूल्यों के हिसाब से सही नहीं है।
क्यों सुर्खियों में है पेगासस
इजराइली कंपनी NSO पर आरोप है कि पेगासस साफ्टवेयर से कई देशों के पत्रकारों और राजनीतिक लोगों की जासूसी की गई। भारत में भी इस मामले बड़ा बवाल हुआ है। हालांकि अब ये मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में है। बताया जाता है कि पेगासस से 10 देशों में 50 हजार लोगों की जासूसी हुई। भारत में भी 300 नाम सामने आए हैं, जिनके फोन की निगरानी की गई। इनमें सरकार में शामिल मंत्री, विपक्ष के नेता, पत्रकार, वकील, जज, कारोबारी, अफसर, वैज्ञानिक और एक्टिविस्ट शामिल हैं।
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