India News (इंडिया न्यूज),Cyclone Chido:हिंद महासागर के द्वीपों पर आए भीषण उष्णकटिबंधीय चक्रवात ने भारी तबाही मचाई है। फ्रांस के मायोट में चक्रवात चिडो ने कोहराम मचा दिया है। फ्रांस के एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने रविवार को बताया कि चक्रवात चिडो के कारण अब तक 1,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अफ्रीका के तट से दूर दक्षिण-पूर्वी हिंद महासागर में स्थित मायोट फ्रांस और यूरोपीय संघ का सबसे गरीब क्षेत्र है। अधिकारी के अनुसार, मायोट में 90 वर्षों में आया यह सबसे भीषण चक्रवात है। मायोट प्रीफेक्ट फ्रैंकोइस-जेवियर ब्यूविले ने टीवी चैनल मायोट ल’एयर से बातचीत में चक्रवात से हुई तबाही के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि सैकड़ों लोग मारे गए हैं, शायद यह संख्या एक हजार के करीब पहुंच जाएगी।’ उन्होंने कहा कि शनिवार को हिंद महासागर के द्वीपों पर आए भीषण उष्णकटिबंधीय चक्रवात से हुई व्यापक तबाही के बाद अभी सटीक संख्या बताना बहुत मुश्किल है।
200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आया फ्रांसीसी सरकारी एजेंसी के अनुसार, चक्रवात चिडो ने रात में मायोट में दस्तक दी। इसकी गति 200 किलोमीटर प्रति घंटे (124 मील प्रति घंटे) से अधिक थी। इसके प्रभाव से घरों, सरकारी इमारतों और एक अस्पताल को बहुत नुकसान पहुंचा है। बताया जा रहा है कि यह 90 से अधिक वर्षों में द्वीपों पर आने वाला सबसे शक्तिशाली तूफान था। राजधानी मामूदजौ के स्थानीय निवासी मोहम्मद इस्माइल ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो हम जो अनुभव कर रहे हैं वह एक त्रासदी है, आपको ऐसा लगता है कि आप परमाणु युद्ध के बाद के युग में हैं… मैंने एक पूरे मोहल्ले को गायब होते देखा है।’
1,00,000 से अधिक अवैध अप्रवासी
फ्रांसीसी जेंडरमेरी ने कहा कि मायोट में पहाड़ियों पर बिखरे सैकड़ों अस्थायी घरों का मलबा दिखाई दे रहा है। यह कोमोरोस से अवैध अप्रवासियों का केंद्र रहा है। सरकारी एजेंसी के अनुसार, मायोट में 1,00,000 से अधिक अवैध अप्रवासी रहते हैं। पेरिस से करीब 8,000 किलोमीटर (5,000 मील) दूर स्थित मायोट फ्रांस के बाकी हिस्सों की तुलना में काफी गरीब है। यह दशकों से गैंगवार और सामाजिक अशांति से जूझ रहा है। तूफान के बाद का दृश्य भयावह था।
अधिकारियों ने कहा कि चक्रवात के बाद मरने वाले लोगों की सही संख्या का पता लगाना मुश्किल था, जिससे भोजन, पानी और स्वच्छता तक पहुंच को लेकर भी चिंताएँ पैदा हुईं। फ्रांसीसी गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने पहले कहा था, ‘यह मामला मृतकों की संख्या के मामले में जटिल होने वाला है, क्योंकि मायोट एक मुस्लिम भूमि है, जहाँ मृतकों को 24 घंटे के भीतर दफना दिया जाता है।’
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