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जिस देश में नहीं रहते हैं एक भी हिन्दू वहां PM Modi ने देखी रामलीला, भारतीय प्रधानमंत्री की पावर देख हैरान रह गए दुनिया भर के मुस्लमान

India News (इंडिया न्यूज),PM Modi: नवरात्रि के दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (10 अक्टूबर 2024) को आसियान-भारत, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने लाओस पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी ने वहां रामलीला का भी लुत्फ उठाया। लाओस बौद्ध बहुल देश है और वहां हिंदू आबादी के बारे में कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि लाओस में रामलीला का आयोजन दोनों देशों के बीच पौराणिक सभ्यता और सदियों पुरानी विरासत के जुड़ाव को दर्शाता है।

पीएम मोदी ने लाओस के मुख्य रॉयल थिएटर लुआंग प्रबांग में रामायण का लुत्फ उठाया। यहां रामायण के एक एपिसोड फलक-फलम का आयोजन किया गया। लाओस में इसे ‘फ्रा लाक फरा राम’ के नाम से भी जाना जाता है। कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी ने रामायण के कलाकारों से बात की और उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं। पीएम मोदी के साथ कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अन्य लोग भी शामिल हुए।

विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि लाओस में सदियों से भारतीय सभ्यता और परंपरा से जुड़ी कई चीजों का पालन और संरक्षण किया जाता रहा है। दोनों देश अपनी साझा विरासत के लिए काम कर रहे हैं। रामायण से पहले पीएम मोदी ने वियनतियाने श्री साकेत मंदिर में बौद्ध संतों के साथ एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

लाओस किस धर्म का पालन करता है?

लाओस एक दक्षिण पूर्व एशियाई देश है, जहां की अधिकांश आबादी बौद्ध धर्म को मानती है। अमेरिकी विदेश विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 2023 में लाओस में 79 लाख आबादी रहती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2015 में लाओस में 64.7 प्रतिशत लोग बौद्ध हैं, 1.7 प्रतिशत ईसाई आबादी है और 31.4 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जिनके धर्म के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसके अलावा 2.2 प्रतिशत लोग अन्य धर्मों के हैं।

इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 19वें पूर्वी एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। लाओस आसियान का वर्तमान अध्यक्ष है। दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संगठन (आसियान) 1967 में स्थापित किया गया था। इसके सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, भारत, वियतनाम, लाओस, कंबोडिया और ब्रुनेई दारुस्सलाम शामिल हैं। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में आसियान के 10 सदस्य देश और आठ भागीदार देश – ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका भाग ले रहे हैं। तिमोर-लेस्ते को ईएएस में पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है।

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Divyanshi Singh

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