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Pneumonia Outbreak: चीन के बाद अब इस देश में फैल रहा यह बीमारी, जानें क्या कहती है रिपोर्ट

India News(इंडिया न्यूज),Pneumonia Outbreak: देश-दुनिया में कोरोना जैसी महामारी को लोग भूले भी नहीं है कि, अब एक और खतरनाक बीमारी का खतरा मंडराने लगा है। जानकारी के लिए बता दें कि, चीन के बाद अब और भी देशों में निमोनिया जैसी खतरान वायरस का खतरा मंडराने लगा है। जिसमें मुख्य रुप से डेनमार्क और नीदरलैंड जैसे देशों का नाम शामिल है जहां बच्चों में निमोनिया के फैलने की खबर सामने आ रही है।

रिपोर्ट में ये बातें आई सामने

वहीं लगातार फैल रही इस वायरस के बारे में बारे में जारी रिपोर्ट की माने तो इसमें बताया गया है कि, माइकोप्लाज्मा निमोनिया संक्रमण महामारी के लेवल तक पहुंच गया है। जहां संक्रमण के मामले गर्मियों में शुरू हुए थे और बीते 5 सप्ताह में इनमें बहुत तेजी देखी गयी है। वहीं, डेनमार्क के स्टेटेंस सीरम इंस्टीट्यूट की तरफ से बयान दिया गया है कि, “यह निमोनिया मरीजों की संख्या इतनी अधिक है कि इसे एक महामारी कहा जा सकता है।”

नीदरलैंड में लगातार बढ़ रहा खतरा

मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, बीते सप्ताह नीदरलैंड में बच्चों और युवाओं में निमोनिया के मामलों में बहुत अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गयी। वहीं इस बारे में जानकारी देते नीदरलैंड इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ सर्विसेज रिसर्च (NIVEL) ने रिपोर्ट जारी कर बताया कि, बीते सप्ताह 5 से 14 वर्ष की आयु के प्रत्येक एक लाख बच्चों में से 103 को निमोनिया का सामना करना पड़ा। इस बीच लैंसेट की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2023 के बाद से सिंगापुर और स्वीडन सहित अन्य कई देशों में माइकोप्लाज्मा निमोनिया के केसेस फिर से बढ़े हैं। वहीं स्टेटेंस सीरम इंस्टीट्यूट की वरिष्ठ शोधकर्ता हेने-डोर्थे एम्बॉर्ग ने कहा कि, “काफी अधिक मामले सामने आ रहे हैं, और पूरे देश में संक्रमण का असर देखा जा रहा है।”

डेनमार्क में भी बढ़ रहा खतरा

वहीं नीदरलैंड के बाद इस वायरस का प्रकोप डेनमार्क में भी बढ़ता जा रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि, इस सप्ताह माइकोप्लाज्मा निमोनिया संक्रमण के 541 नए मामले सामने आए। एक्सपर्ट की माने तो, मामलों की वास्तविक संख्या संभवतः इससे बहुत अधिक है, क्योंकि फिलहाल उन लोगों की टेस्टिंग नहीं की जा रही जिनमें हल्के लक्षण दिखायी दे रहे हैं। इस बीमारी में अक्सर हल्के फ्लू जैसे लक्षण दिखायी देते हैं। जैसे- थकान, सिरदर्द, गले में खराश और लंबे समय तक सूखी खांसी, जो रात में बढ़ जाती है। इसके साथ ही पोस्ट में यह भी कहा गया है कि इस बीमारी को ‘कोल्ड निमोनिया’ या ‘एटिपिकल निमोनिया’ नाम दिया गया है, क्योंकि साधारण पेनिसिलिन का असर संक्रमित लोगों में नहीं दिखायी दे रहा।

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Shubham Pathak

शुभम पाठक लगभग दो वर्ष से पत्रिकारिता जगत में है। वर्तमान में इंडिया न्यूज नेशनल डेस्क पर कार्यरत है। वहीं इससे पूर्व में STV Haryana, TV100, NEWS India Express और Globegust में काम कर चुके हैं। संपर्क का स्रोत:- sirshubham84@gmail.com

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