India News (इंडिया न्यूज), PM Modi Arrives In Russia: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए रूस के कजान पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया है। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। पुतिन के अलावा प्रधानमंत्री के चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने की संभावना है। साथ ही वे अन्य ब्रिक्स सदस्य देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, “भारत ब्रिक्स के भीतर घनिष्ठ सहयोग को महत्व देता है, जो वैश्विक विकास एजेंडा, सुधारित बहुपक्षवाद, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक सहयोग, लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण, सांस्कृतिक और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने से संबंधित मुद्दों पर बातचीत और चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है।”
पुतिन ने पीएम मोदी को बताया अपना मित्र
शिखर सम्मेलन रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व संकट सहित चल रही वैश्विक अशांति के मद्देनजर हो रहा है। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, पिछले महीने पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना “मित्र” माना और रूस-यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान की तलाश में भारत के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। यह तब हुआ जब रूसी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने का निमंत्रण दिया। पुतिन की यह स्वीकृति प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उन्हें फोन करने और दो साल से चल रहे युद्ध के शीघ्र समाधान का आग्रह करने के दो महीने बाद आई है।
अगस्त में यूक्रेन के राष्ट्रपति से मिल चुके हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने अगस्त में कीव में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से भी मुलाकात की। यह इस साल प्रधानमंत्री की रूस की दूसरी यात्रा है। जुलाई में उन्होंने मास्को में 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। इस यात्रा के दौरान उन्होंने न केवल पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की, बल्कि उन्हें रूस के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से भी सम्मानित किया गया। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम यह हुआ कि भारत और चीन ने सीमा रेखा पर गश्त फिर से शुरू करने पर सहमति जताई। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर “सैन्य वापसी की ओर अग्रसर” होने के कारण दोनों पड़ोसी देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में एक बड़ी सफलता मिली है।