इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
ब्राजील में साल 2022 में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं। ब्राजील में राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो (Jair Bolsonaro) के खिलाफ सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन (Protest Against President in Brazil) कर रहे हैं। यहां रियो डि जेनेरो, साओ पौलो और बेलो हॉरिजॉन्टे सहित कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। लोगों की मांग है कि राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग चलाया जाए। विरोध प्रदर्शन का आयोजन फ्री ब्राजील मूवमेंट या एमबीएल (Movimento Brasil Livre) जैसे रूढ़िवादी समूह कर रहे हैं। जिसने साल 2016 में वामपंथी राष्ट्रपति डिल्मा रूसेफ (Dilma Rousseff) के महाभियोग के लिए दबाव डाला था।
संगठनों को आम जनता का काफी समर्थन मिल रहा है। लेकिन अपने जैसे बाकी संगठनों का सहयोग नहीं मिलने के कारण ये बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन नहीं कर पा रहे। एमबीएल नाम के संगठन ने विरोध प्रदर्शन के दौरान नारा लगवाया, “ना बोल्सोनारो और ना ही लूला”। विरोध प्रदर्शन में कहा गया कि वर्तमान राष्ट्रपति बोल्सोनारो और पूर्व वामपंथी राष्ट्रपति लुइस इनासियो लूला डी सिल्वा (Luis Inacio Lula da Silva) दोनों को ही वोट नहीं देना है।
Slogans were raised in Protest Against President in Brazil
रियो शहर में रविवार को बीच पर सैकड़ों लोग एकत्रित हुए। इन्होंने हाथों में ब्राजील का झंडा पकड़ा हुआ था और सफेद रंग की टी-शर्ट पहन रखी थीं। सभी ने एक सुर में बोल्सोनारो के खिलाफ नारे लगाए। सैकड़ों सफेद टी-शर्ट पहने प्रदर्शनकारी साओ पौलो में एक रैली के लिए एकत्रित हुए (Protests Against Jair Bolsonaro)।
Ex-President Lula benefits from Protests Against President in Brazil
लूला साल 2003 से 2010 तक देश के राष्ट्रपति रहे हैं। ब्राजील में चुनाव के लिए अब एक साल से भी कम समय बचा है। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि लूला की जीत हो सकती है। वहीं बोल्सोनारो की बात करें तो उन्हें हमेशा उनके बड़बोलेपन के लिए जाना जाता है। पहले उन्होंने अपने समर्थकों से कहा था कि सभी को राइफल खरीद लेनी चाहिए। ये बात उन्होंने देश में बढ़ते अपराधों से निपटने के लिए कही। इसके बाद उन्होंने कहा कि उन्हें अपने भविष्य में तीन विकल्प दिखाई दे रहे हैं- या तो वह 2022 का राष्ट्रपति चुनाव जीत जाएंगे या उनकी मौत हो जाएगी या फिर वो जेल जाएंगे।