India News (इंडिया न्यूज), Operation Sindoor : पुर्तगाल में भारतीय दूतावास ने लिस्बन में दूतावास कार्यालय के पास चांसरी बिल्डिंग के बाहर पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन के बाद प्रतिक्रिया जारी की। प्रदर्शनों को हताश उकसावे बताते हुए दूतावास ने कहा कि भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के ज़रिए दृढ़ता से जवाब दिया।
एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि “पुर्तगाल में भारतीय दूतावास ने हमारे चांसरी बिल्डिंग के पास पाकिस्तान द्वारा आयोजित कायरतापूर्ण विरोध प्रदर्शन का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के साथ दृढ़ता से जवाब दिया। हम पुर्तगाल सरकार और उसके पुलिस अधिकारियों को दूतावास की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देते हैं।
Operation Sindoor : विदेश जमीन पर पाकिस्तान को भारत ने जड़ा जोरदार थप्पड़
पोस्ट में भारतीय अधिकारियों की तस्वीरें भी शामिल थीं, जो दूतावास कार्यालय की बालकनी पर खड़े थे और दीवार पर बैनर लगे थे, जिस पर लिखा था “ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है”। प्रदर्शन को “कायरतापूर्ण” बताते हुए दूतावास ने कहा, “भारत इस तरह के हताशाजनक उकसावे से नहीं डरेंगे। हमारा संकल्प अडिग है।”
पुर्तगाल में भारत के राजदूत पुनीत रॉय कुंडल ने भी एक्स से कहा कि पाकिस्तान द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शनों का मौन लेकिन मजबूत और दृढ़ संदेश के साथ जवाब दिया गया कि “ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है”। उन्होंने कहा, “सभी दूतावास अधिकारी इस दृष्टिकोण पर अडिग थे।”
Embassy of India @IndiainPortugal
responded firmly with ‘Operation Sindoor’ to the cowardly protest organized by Pakistan near our Chancery building. We thank the Government of Portugal and It’s police authorities for their support in ensuring the safety and security of the… pic.twitter.com/63s951jH1R— India in Portugal (@IndiainPortugal) May 18, 2025
भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत उन्होंने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ढांचों को नष्ट कर दिया। लक्षित सैन्य अभियान जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में था, जहां 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी। भारत ने स्पष्ट किया है कि उसकी प्रतिक्रिया केंद्रित, नपी-तुली और गैर-बढ़ाने वाली थी।
हालांकि, पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र पर ड्रोन और मिसाइल हमलों की झड़ी लगाकर संघर्ष को बढ़ा दिया, जिससे नई दिल्ली को जवाब देने के लिए मजबूर होना पड़ा। कई दिनों की लड़ाई के बाद, पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने अपने भारतीय समकक्ष से संपर्क किया और दोनों पक्षों ने भूमि, समुद्र और हवा पर लागू होने वाले युद्धविराम समझौते पर पहुँच गए।