विदेश

मुस्लिमों के साथ जबरन ये खतरनाक काम कर रहे हैं पुतिन, खुलासे के बाद कांप गए दुनिया भर के इस्लामिक देश, अमेरिका भी दंग

India News (इंडिया न्यूज),Russia-Ukraine War: यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस लगातार अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। रूस पर पहले से ही उत्तर कोरियाई सैनिकों और यमनी लड़ाकों को सेना में भर्ती करने का आरोप है। ताजा मामला रूस में रह रहे मुस्लिम शरणार्थियों को जबरन युद्ध के मैदान में लड़ने के लिए भेजने का है। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक मॉस्को अपनी सेना बढ़ाने के लिए मध्य एशिया के विदेशी कामगारों को निशाना बना रहा है। आरोप हैं कि रूसी दंगा पुलिस ने अस्थायी मस्जिदों से दर्जनों शरणार्थियों को उठाया और उन्हें जबरन सेना में भर्ती किया। मस्जिद से शरणार्थियों को उठाने का आरोप रिपोर्ट के मुताबिक शरणार्थी मुस्लिम मॉस्को के दक्षिण-पूर्वी उपनगर कोटेलनिकी में जुमे की नमाज के लिए एकत्र हुए थे।

लोगों का किया मेडिकल चेकअप

इस दौरान भारी हथियारों से लैस दंगा पुलिस अधिकारियों ने कई दर्जन लोगों को हिरासत में लिया। कोटेलनिकी मॉस्को में एक ऐसी जगह है जहां सस्ते किराए की वजह से ज्यादातर प्रवासी कामगार रहते हैं। सेना में जबरन भर्ती मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सभी लोगों को पहचान पत्र जांच के लिए जबरन पुलिस बस में बैठाया गया और पास के शहर लिबर्टी में एक सैन्य भर्ती कार्यालय ले जाया गया। यहां इन लोगों का मेडिकल चेकअप किया गया। कथित तौर पर जो लोग सेना के लिए फिट पाए गए, उन्हें मॉस्को के पूर्व में एक सैन्य अड्डे पर भेज दिया गया और दो विकल्प दिए गए- जेल जाओ या सेना में भर्ती हो जाओ।

आरोप है कि जब पुलिन ने इन लोगों को हिरासत में लिया, तो उन्हें वकीलों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। इतना ही नहीं, इन लोगों को जबरन भर्ती के फैसले को अदालत में खारिज करने या सैन्य सेवा पर अपनी आपत्ति जताने का कोई मौका नहीं मिला। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, यह पूरा मामला अक्टूबर महीने का बताया जा रहा है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, मुस्लिम शरणार्थियों को जबरन सेना में भर्ती करके रूस एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश कर रहा है। एक तरफ, मुस्लिमों को जबरन भर्ती करके वह रूस को ‘शरणार्थियों’ से छुटकारा दिला रहा है तो दूसरी तरफ युद्ध के मैदान में अपनी ताकत बढ़ा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी राष्ट्रवादी समूह इस काम में पुलिस की मदद करते हैं और वे नियमित रूप से मुस्लिम सभाओं या अस्थायी प्रार्थना स्थलों के बारे में जानकारी देते हैं, जहां बड़ी संख्या में अप्रवासी मौजूद होते हैं।

मुस्लिम शरणार्थियों के साथ हो रहा है ये काम

विशेषज्ञों का कहना है कि प्रवासियों को बंद करके जबरन सैन्य सेवा में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है, उनका सहयोग सुनिश्चित करने के लिए उन्हें कई तरह की धमकियाँ दी जाती हैं। इन मुस्लिम शरणार्थियों को निर्वासन या ड्रग तस्करी जैसे झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी जाती है, जिसके कारण वे सेना में शामिल होकर युद्ध के मैदान में रूस के लिए लड़ना चुनते हैं।

रूस के खिलाफ़ इस तरह के आरोप नए नहीं हैं, इससे पहले रूस पर यूक्रेन के खिलाफ़ लगभग 10 हज़ार उत्तर कोरियाई सैनिकों की भर्ती करने और फिर यमन के हूथी लड़ाकों को अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी और रूसी नागरिकता का वादा करके सेना में भर्ती करने का आरोप लग चुका है।

Bangladesh: इतने दिनों तक कैद में रहेंगे स्वामी चिन्मय कृष्ण दास, पुजारी के साथ-साथ वकीलों को भी बनाया कट्टरपंथियों ने निशाना

Divyanshi Singh

Recent Posts

नारायणपुर में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़, DRG के प्रधान आरक्षक विरेंद्र कुमार शहीद

India News (इंडिया न्यूज),Chhattisgarh Naxal Narayanpur: नक्सल विरोधी सर्च अभियान में 3 दिसंबर को जिला…

2 hours ago

हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर रो पड़ीं शेख हसीना? Yunus को ठहराया जिम्मेदार, अल्पसंख्यकों के दर्द को किया बयां

Sheikh Hasina: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अल्पसंख्यकों के कथित उत्पीड़न को लेकर…

2 hours ago

कल मुंबई के लिए रवाना होंगे CM नीतीश, महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन समारोह का बनेंगे हिस्सा

India News (इंडिया न्यूज),CM Nitish Kumar Will Go To Mumbai: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार…

2 hours ago

पैसेंजर के पहले उतरवाए कपड़े, फिर भी नहीं हुई तसल्ली तो ब्लेड से किए अंडरवियर के चिथड़े, जांच में…फटी रह गईं आंखें

Air Intelligence Unit: दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (IGI) एयरपोर्ट में जांच में एक शख्स…

2 hours ago