India News ( इंडिया न्यूज़ ), Quran Burning In Sweden: यूरोपीय देश स्वीडन में कुरान जलाने की घटना के बाद हर जगह से प्रतिक्रीयाएं आ रही है। इँटरनेट पर इसका वीडियो वायरल हो गया। जिसके बाद से हंगामा मच गया। बता दे स्‍वीडन  में स्टॉकहोम सेंट्रल मस्जिद के सामने कुरान जलाई गई। सोशल मीडिया पर इसके वायरल वीडियो में एक प्रदर्शनकारी कुरान को उछालता, जलाता हुआ और स्वीडन का झंडा लहराता नजर आ रहा है। इस्‍लाम के अनुयायियों सबसे जयादा बूरा यह लगा कि स्वीडन की सरकार ने कुरान जलाने की घटना पर, उस प्रदर्शनकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि सरकार ने अभिव्यक्ति की आजादी के तहत उसे इसकी इजाजत दी।

  • मुस्लिम बहुल देशों नें की निंदा
  • 37 साल के यूवक ने लगाई कुरान में आग
  • स्‍वीडन की सरकार ने दी थी प्रर्दशन की इजाजत

स्वीडन में कुरान जलाने की घटना को जघन्य अपराध-तुर्किये

इस घटना को लेकर कई मुस्लिम बहुल देश नें इसकी निंदा की और इसपे अपना बयान दिया। जिसमें तुर्किये के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर तुर्किये के विदेश मंत्रालय ने स्वीडन में कुरान जलाने की घटना को जघन्य अपराध बताया है। तुर्किये के विदेश मंत्री हकन फिदान ने ट्वीट कर कहा- “अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कोई भी इस्लाम विरोधी प्रदर्शन नहीं कर सकता है। हमें इसे स्वीकार नहीं करेंगे। अगर कोई देश NATO में शामिल होकर हमारा सहयोगी बनना चाहता है तो उसे इस्लामोफोबिया फैला रहे चरमपंथियों को काबू में करना होगा।”

मोरक्को ने स्वीडन से अपने राजदूत को बुलाया वापस

वहीं, अफ़्रीकी देश मोरक्को ने भी कुरान जलाए जाने की घटना के विरोध में स्वीडन से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है। मोरक्को के विदेश मंत्रालय ने स्वीडन के राजनयिक (chargé d’affaires) को भी तलब किया और कहा कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्‍त नहीं किया जा सकता।

दोषी को तत्‍काल सजा दी जाए-मुस्लिम वर्ल्ड लीग

मुस्लिम वर्ल्ड लीग का भी इस घटना पर बयान आया है। बयान में मुस्लिम वर्ल्ड लीग के द्वारा घटना की कड़ी निंदा की गई। लीग के महासचिव शेख मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-ईसान ने कहा कि यह जघन्य कृत्य मुस्लिमों की भावनाओं को भड़काने वाला है। दोषी को तत्‍काल सजा दी जाए।

स्‍वीडन की सरकार की ओर से दी गई थी प्रदर्शन के लिए इजाजत

बता दे बुधवार (28 जून) को सलवान मोमिका नामक 37 साल के एक शख्स ने कुरान को फाड़कर उसमें आग लगाई। यह अपराध सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में किया, जिनमें से कई लोग कुरान जलाए जाने का समर्थन कर रहे थे। सलवान मोमिका एक इराकी है। जो कई साल पहले स्वीडन भाग गया था। मीडिया रिपोर्स के मुताबिक, अभिव्यक्ति की आजादी के तहत स्‍वीडन की सरकार की ओर से ही एक दिन के प्रदर्शन के लिए ये इजाजत दी गई थी। वहीं, विरोध बढ़ने पर स्वीडन के PM का बयान आया है। उन्‍होंने कहा- इस संबंध में किसी भी कार्रवाई पर पुलिस फैसला लेगी।

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