Russia And Ukraine Conflict
इंडिया न्यूज, मास्को:
रूस और यूक्रेन के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। यूक्रेन ने अपने देश में उत्पन्न ऊर्जा संकट के लिए रूस को जिम्मेदार बताया है। इसी से नाराज रूस ने यूक्रेन सीमा के पास अपने जवानों की संख्या में इजाफा किया है और वहां पर सैन्य गतिविधियां भी बढ़ा दी हैं। इस कारण दोनों देशों में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इसी को बढ़ता देख बाइडेन प्रशासन ने भी अपने प्रयास तेज कर दिए हैं।
बाइडन ने विदेश मामलों को देखने वाली खुफिया एजेंसी सीआईए के निदेशक बिल बर्न्स को पिछले हफ्ते ही मॉस्को भेजा। बताया गया है कि रूस में अपनी बैठकों के बाद बर्न्स ने इन तनावों को कम करने के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से फोन पर बात की। उन प्रयासों का समर्थन करने के लिए विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी को भी गुरुवार को कीव भेजा गया था। वहीं बाइडन ने बर्न्स के जरिए रूस को यूक्रेन के खिलाफ कार्रवाई न करने की चेतावनी दी है।
वहीं शुक्रवार को पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने कहा था कि रूस से पैमाना और इकाइयों की मात्रा जो हम देख रहे हैं, असामान्य थे। हम इसकी बारीकी से निगरानी करना जारी रखते हैं, और जैसा कि मैंने पहले कहा है, रूस द्वारा कोई भी आक्रामक या आक्रामक कार्रवाई संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए चिंता का विषय होगी।
मॉस्को और कीव के बीच जारी है समझौता कराने की कोशिशें
बता दें कि अमेरिकी सरकार काफी समय से मॉस्को और कीव के बीच में समझौता कराने की कोशिशों में लगी है। वहीं अब अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के अधिकारी का रूस जाना सामान्य बात नहीं हैं। जानकारी के मुताबिक सीआईए प्रमुख ने रूस के रक्षा विभाग क्रेमलिन में सैन्य गतिविधियों से जुड़े अफसरों से बात की है और उन्हें बाइडन प्रशासन की चिंताओं से अवगत कराया। इससे पहले सीआईए प्रमुख ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडाइमिर जेलेंस्की से भी फोन पर बात की थी और सीमा पर तनाव को खत्म करने की अपील की थी।
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