India News (इंडिया न्यूज), Gurkha Soldiers In Ukraine : रूस-यूक्रेन युद्ध के देखते हुए ब्रिटेन इन दिनों एक खास प्लान पर काम कर रहा है। ब्रिटेन एक ऐसी रेजिमेंट बना रहा है तोप चलाने में एक्सपर्ट सैनिकों को भर्ती करा जा रहा है। एलीट फोर्स में ब्रिटिश सेना में पहले से तैनात गोरखा सैनिकों को खासतौर पर शामिल किया जाएगा। इन रिपोर्ट्स के बाद ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इस रेजिमेंट को रूस के साथ शांति समझौता होने के बाद यूक्रेन में तैनात किया जा सकता है। गोरखा परंपरागत रूप से नेपाल से संबंधित हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि ब्रिटेन अगर गोरखा सैनिकों को यूक्रेन भेजता है तो इस पर नेपाल भी आपत्ति जता सकता है।

रेजिमेंट में 500 गोरखा होंगे शामिल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिटिश रक्षा मंत्री जॉन हीली द्वारा अनुमोदित रेजिमेंट में शुरू में रॉयल रेजिमेंट ऑफ आर्टिलरी के हिस्से के रूप में उच्च-स्तरीय निगरानी में विशेषज्ञता वाले 500 एलीट नेपाली सैनिक शामिल होंगे। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब ब्रिटिश सेना के प्रमुख जनरल सर रोली वॉकर इस साल के अंत में यूक्रेन में संभावित तैनाती के लिए यूके बलों की तैयारियों का मूल्यांकन कर रहे हैं। यह मिशन क्षेत्र को सुरक्षित और स्थिर करने के व्यापक बहुराष्ट्रीय प्रयास का हिस्सा होगा।

ब्रिटेन का ये कदम ब्रिटेन की रॉयल आर्टिलरी को फिर से भरने की तत्काल आवश्यकता के अनुरूप है, जिसमें 700 सैनिकों की कमी है। रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआत में रेजिमेंट के लिए 500 गोरखाओं की भर्ती की जाएगी, और 4,127-मजबूत गोरखा ब्रिगेड के व्यापक विस्तार के हिस्से के रूप में और अधिक की उम्मीद है। रिपोर्ट्स के मुताबिक नए गोरखा सैनिक खुफिया, निगरानी, लक्ष्य की जानकारी जुटाने और टोही की भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा ये सैनिक जेवलिन जैसी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम से लैस होगी।

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ब्रिटिश सेना में सैनिकों की कमी

ब्रिटिश सेना इस वक्त भारी परेशानी से झूझ रही है। सेना में ऐतिहासिक स्तर तक भर्ती में कमी आई है। जनवरी 2024 में ब्रिटिश सेना में सक्रिय कर्मियों की संख्या घटकर सिर्फ 75,983 रह गई है। यह नेपोलियन युद्धों के बाद सबसे कम है। इस कारण ब्रिटेन की सेना ऑपरेशनल तैयारियों को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है। ब्रिटिश सेना में पिछले साल सिर्फ 6,720 सैनिकों की भर्ती हुई – जो इसके 10,450 लक्ष्य का सिर्फ 63% है। हर महीने 300 सैनिकों की शुद्ध कमी के साथ, प्रमुख रेजिमेंटों में गंभीर अंतर उभर रहे हैं, जो सेना की परिचालन तत्परता को खतरे में डाल रहे हैं।

इसके अलावा ब्रिटिश सेना इस समय आर्टिलरी गन और गोला-बारूद की कमी से जूझ रही है। इसका प्रमुख कारण यूक्रेन को बड़े पैमाने पर हथियारों की सप्लाई है। AS90 हॉवित्जर की अनुपस्थिति में रॉयल आर्टिलरी जर्मनी-ब्रिटेन द्वारा डिजाइन किए गए RCH 155 व्हील्ड आर्टिलरी सिस्टम का इंतजार कर रही है। इसकी डिलीवरी इस साल के अंत में होने वाली है।

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