India News (इंडिया न्यूज),Russia–Ukraine:एक तरफ मध्य पूर्व में इजरायल पर ईरान के हमले का खतरा है तो दूसरी तरफ रूस-यूक्रेन युद्ध में पुतिन की आक्रामकता। इन सबके बीच रूस और ईरान के बीच गहरी होती दोस्ती से अमेरिका काफी चिंतित है। अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की चिंता किए बिना रूस और ईरान एक दूसरे की मदद कर रहे हैं।

कुछ दिन पहले रूस ने ईरान को एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम दिया था, उसके बाद तेहरान में हमास नेता इस्माइल हनीया की हत्या के बाद इजरायल और ईरान के बीच जबरदस्त तनाव देखने को मिला था। अब ईरान ने दोस्ती निभाते हुए रूस को अपनी खास फतह 360 बैलिस्टिक मिसाइलें दी हैं, जिससे यूक्रेन और अमेरिका की टेंशन बढ़ गई है।

इरान ने रूस को दी 200 बैलिस्टिक मिसाइलें

दरअसल, अमेरिकी मीडिया सीएनएन और वॉल स्ट्रीट जर्नल ने शुक्रवार को सूत्रों के हवाले से बताया कि ईरान ने रूस को कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें दी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान ने रूस को 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दी हैं, सूत्रों के मुताबिक 4 सितंबर को कैस्पियन सागर में एक अज्ञात बंदरगाह पर इन बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ रूसी जहाज पहुंचा था।

यूक्रेनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह रूस को ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलें मिलने की खबरों से बेहद चिंतित है। मंत्रालय ने कहा कि तेहरान और मॉस्को के बीच गहराता सैन्य सहयोग यूक्रेन, यूरोप और मध्य पूर्व के लिए खतरा है, यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ईरान और रूस पर दबाव बढ़ाने की अपील की है।

वहीं, व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता सीन सेवेट ने भी रूस को फथ-360 बैलिस्टिक मिसाइलें मिलने की खबरों पर चिंता जताई है और कहा है कि रूस-यूक्रेन का यह युद्ध और तेज होगा। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में ईरानी मिशन ने इन खबरों का खंडन किया है और कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर ईरान के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। ईरान का कहना है कि वह किसी भी युद्ध में शामिल दोनों पक्षों को सैन्य सहायता देने के खिलाफ है, उसका मानना ​​है कि इससे युद्ध और भीषण हो जाता है।

फथ-360 की खासियत क्या है?

फथ-360 फथ बैलिस्टिक मिसाइल परिवार की मिसाइल है। यह 3704 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अपने लक्ष्य को भेद सकती है। जमीन से जमीन पर मार करने वाली इस बैलिस्टिक मिसाइल की अधिकतम रेंज 120 किलोमीटर है। यह 150 किलोग्राम वारहेड ले जाने में सक्षम है। यह एक क्लोज रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे 2021 में IRGC (इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स) को सौंपा गया था। यह 4 मीटर लंबी है और इसका वजन करीब 850 किलोग्राम है। ईरान की इस मिसाइल की तुलना अमेरिका की HIMARS से की जाती है, जिसे अमेरिका ने यूक्रेन को मुहैया कराया है।

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