India News (इंडिया न्यूज), Russia Ukraine War: मंगलवार (11 मार्च, 2025) को यूक्रेन ने रूस के साथ तीन साल से चल रहे युद्ध में पहली बार संघर्ष विराम पर सहमति जताई। सऊदी अरब में अमेरिका के साथ बातचीत के दौरान यूक्रेन ने रूस के साथ 30 दिन के युद्ध विराम पर सहमति जताई। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि वह अब इस प्रस्ताव को रूस के पास ले जाएंगे और इस पर फैसला मॉस्को को करना है। इसके साथ ही अमेरिका यूक्रेन की मदद से खुफिया जानकारी साझा करना फिर से शुरू करेगा। बैठक आठ घंटे से ज्यादा चली।
यूक्रेन और अमेरिका के अधिकारियों ने की बैठक
सोमवार रात मॉस्को पर कीव के सबसे बड़े ड्रोन हमले के बाद रूस के साथ जारी युद्ध को रोकने के उपाय खोजने के लिए यूक्रेन और अमेरिका के अधिकारियों ने कई घंटे बैठक की। आठ घंटे से ज्यादा चली बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें यूक्रेन ने 30 दिन के अंतरिम युद्ध विराम के प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार कर लिया। इस युद्ध विराम को यूक्रेन और रूस के बीच आपसी सहमति से आगे भी बढ़ाया जा सकता है। इससे पहले सोमवार को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की जेद्दा पहुंचे और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की।
सऊदी में हुई बातचीत
28 फरवरी को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जेलेंस्की के बीच गरमागरम बहस के बाद युद्ध विराम पर पहुंचने के नए कूटनीतिक प्रयास को दर्शाती है। यूक्रेनी अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि वे काला सागर में युद्ध विराम का प्रस्ताव रखेंगे, जिससे नौवहन सुरक्षित होगा, यूक्रेन में नागरिकों पर मिसाइल हमले बंद होंगे और कैदियों की रिहाई होगी। उन्होंने कहा कि यूक्रेन दुर्लभ खनिजों पर अमेरिका के साथ समझौता करने के लिए तैयार है। ट्रंप ने इसके लिए उत्सुकता दिखाई है। जेद्दा की उड़ान के दौरान रुबियो ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल तीन साल से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए कोई विशेष उपाय प्रस्तावित नहीं करेगा।
रूस ने क्या कहा?
रूस ने कहा है कि वह इस शर्त पर युद्ध खत्म करने को तैयार है कि यूक्रेन नाटो में शामिल होने का प्रयास छोड़ दे और मास्को के कब्जे वाले क्षेत्रों को रूसी क्षेत्र के रूप में मान्यता दे। उम्मीद है कि अमेरिका सऊदी वार्ता के निष्कर्ष के बारे में जानकारी साझा करेगा। वहीं क्रेमलिन ने रूसियों को आगाह किया है कि वे यूक्रेन को लेकर ट्रंप प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों से प्रभावित न हों। उनके कदम मास्को के लिए आशाजनक लग सकते हैं, लेकिन बहुत बुरे हालात के लिए तैयार रहें। यूक्रेन के साथ एकजुटता दिखाने के लिए मंगलवार को पेरिस में एक अहम बैठक हुई। इसमें अमेरिका के सबसे करीबी सहयोगी 30 से ज्यादा देशों के सेना प्रमुखों ने हिस्सा लिया। हालांकि, यह शायद पहला मौका है जब अमेरिका इस तरह की बैठक में शामिल नहीं था। बैठक में नाटो और ईयू सदस्यों समेत 34 सैन्य प्रमुखों ने हिस्सा लिया