India News (इंडिया न्यूज), Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन जंग और खतरनाक रुप लेता जा रहा है। रूस को अंदर तक चुनौती दे रही जेलेंस्की की सेना को इसकी बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ी। मंगलवार को रूसी सेना ने यूक्रेन के शहर पोल्टावा पर मिसाइलों की एक श्रृंखला को अंजाम दिया। पुतिन की सेना ने पोल्टावा शहर में उस जगह को इस्कैंडर एम बैलिस्टिक मिसाइलों से निशाना बनाया जहां यूक्रेनी सेना के रंगरूट प्रशिक्षण ले रहे थे। इन हमलों में 51 से अधिक लोगों की मौत हो गई। मलबे से लोगों को अभी भी निकाला जा रहा है। इसे यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा मिसाइल हमला बताया जा रहा है। हमला इतना भयानक था कि लोगों को भागने का मौका नहीं मिला। अब भी कई लोगों के शव मलबे में दबे हुए हैं।
दो बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला
ज़ेलेंस्की ने कहा, सुबह-सुबह दो बैलिस्टिक मिसाइलें आईं और शहर को निशाना बनाया। अस्पताल पर हमला हुआ। हम दुनिया के शक्तिशाली देशों से कह रहे हैं, कृपया हमें मिसाइल डिफेंस सिस्टम दें। गोदामों में इनकी ज़रूरत नहीं है, हमारे लोग यहाँ मर रहे हैं। हमें उन्हें बचाना है। रूस लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला कर रहा है। हमारे पास उससे बचने के लिए कोई सिस्टम नहीं है। हमें रूस को अंदर से निशाना बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए। हम उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं। पोल्टावा क्षेत्र के सैन्य प्रशासन के प्रमुख फिलिप प्रोनिन ने कहा, मलबे में अभी भी कई लोग दबे हुए हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। यह हमला आर्मी ट्रेनिंग सेंटर पर हुआ। यहां कम से कम 10 रिहायशी इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं।
पैट्रियट मिसाइलों को गोदाम में रखने से क्या फायदा
रूस ने यूक्रेन को गहरा जख्म दे दिया है। रूस की ओर से अपने दो बैलेस्टिक मिसाइल दागकर यूक्रेन को धुआं-धुआं कर दिया गया है। पुतिन के इस खतरानक हमले से जेलेंस्की डर गए हैं। यही कारण है कि वो नाटो देशों से एक बार फिर मदद के लिए गुहार लगा रहे हैं। जेलेंस्की गिड़गिड़ाते हुए कह रहे हैं कि आखिर पैट्रियट मिसाइलों को गोदाम में रखने से क्या फायदा। आपको बता दें कि रूस ने दो बैलिस्टिक मिसाइल दागकर सेंट्रल यूक्रेन में एक मिलिट्री एजुकेशनल फैसिलिटी (सैन्य प्रशिक्षण प्रतिष्ठान) पर अटैक किया है। इस हमले में लगभग 50 लोगों की मौत हो गई है वहीं 200 से ज्यादा लोग घायल है। फरवरी 2022 की बात है जब रूस के हमले के बाद से यह अब तक का सबसे घातक हमला है.
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