• यूएनएससी में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने रखा भारत का पक्ष

इंडिया न्यूज, न्यूयार्क: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को आज (24 अगस्त) को छह माह हो गए हैं। इस युद्ध में जहां यूक्रेन ने व्यापक विनाश देखा है वहीं रूस की सेना को भी बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। इसी बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के मंच से दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध पर अपना पक्ष रखा है। यूएनएससी में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने भारत का पक्ष रखते हुए कहा कि हम यक्रेन के परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा और सुरक्षा के संबंध में किए जा रहे कार्यों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। क्योंकि परमाणु संयंत्रों से जुड़ी किसी भी दुर्घटना के सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।

जैपोरिझिया परमाणु संयंत्र पर कब्जे को लेकर संघर्ष जारी

ज्ञात हो कि रूसी सैनिकों ने यूक्रेन में युद्ध के दौरान जैपोरिझिया परमाणु संयंत्र पर कब्जा कर लिया था। अब रूसी सैनिकों को यूक्रेनी सैनिकों ने घेर लिया है और यूक्रेनी सैनिक संयंत्र पर कब्जे को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं। दूसरी तरफ रूसी सैनिकों की तरफ से भी गोलीबारी हो रही है। जिससे संयंत्र को नुकसान पहुंचने का खतरा लगातार बना हुआ है। इसी खतरे को देखते हुए जी-7 ने रूस से अपील की है कि पावर प्लांट से सैनिकों को वापस बुला ले। उधर, हादसे के डर से संयंत्र के पास के इलाके खाली होने लगे हैं।

एक भी रूसी सैनिक बचकर नहीं जाएगा : यूक्रेन राष्ट्रपति

पिछले दिनों दिए एक बयान में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा था कि जैपोरिझिया परमाणु संयंत्र में मौजूद हर रूसी सैनिक यूक्रेनी सेना के निशाने पर है और यहां से रूस के एक भी सैनिक के बचकर निकलने की संभावना नहीं है। ज्ञात रहे कि जैपोरिझिया परमाणु संयंत्र में रूसी सैनिकों के घिरे होने के बाद भी यूक्रेनी सेना बड़ी कार्रवाई इसलिए नहीं कर रही ताकि परमाणु संयंत्र को नुकसान न पहुुंचे।

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