India News (इंडिया न्यूज), S Jaishankar on US Dollar: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार (7 दिसंबर) को दोहा फोरम में ‘डी-डॉलराइजेशन’ और वैश्विक कूटनीति पर अपने विचार साझा किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत कभी भी अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने के पक्ष में नहीं रहा है। दरअसल, यह टिप्पणी ब्रिक्स देशों द्वारा एक साझा मुद्रा पर विचार किए जाने और हाल ही में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी के संदर्भ में की गई। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि फिलहाल ब्रिक्स मुद्रा पर कोई प्रस्ताव नहीं है और इस मुद्दे पर ब्रिक्स देशों का रुख एक जैसा नहीं है। जयशंकर ने आगे कहा कि उन्होंने ट्रंप की टिप्पणी के पीछे के कारणों को स्पष्ट नहीं किया। लेकिन भारत ने हमेशा यह रुख अपनाया है कि वह ‘डी-डॉलराइजेशन’ का समर्थक नहीं है।

‘डी-डॉलराइजेशन’ का समर्थक नहीं है भारत- विदेश मंत्री

एस जयशंकर ने कहा कि ‘डी-डॉलराइजेशन’ के मुद्दे पर ब्रिक्स देशों के बीच मतभेद हैं और यह कोई नया प्रस्ताव नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हर देश के अपने हित हैं और वे कई मुद्दों पर सहमत और असहमत हो सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत का दृष्टिकोण अधिक नवीन और भागीदारीपूर्ण कूटनीति की ओर है। उन्होंने यह भी कहा कि अब देशों को पश्चिमी शक्तियों को दरकिनार करने का साहस दिखाना चाहिए।

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दुनिया की हकीकत बहुत जटिल- जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर के अनुसार, दुनिया में चल रहे संघर्षों को देखते हुए कूटनीतिज्ञों को नई रणनीति अपनाने की जरूरत है और भारत इस दिशा में अपना नेतृत्व दिखा रहा है। दोहा फोरम में अपने विचार साझा करते हुए जयशंकर ने कहा कि इस दुनिया की हकीकत बहुत जटिल और बारीक है। उन्होंने कहा कि हर देश अपने राष्ट्रीय हितों के हिसाब से अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी रणनीति अपनाता है और कई बार एक ही देश कई मुद्दों पर कई संयोजनों में काम करता है।

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