India News,(इंडिया न्यूज),Saudi Arabia Hajj: हर साल दुनियाभर से करीब 20 लाख मुसलमान हज के लिए सऊदी अरब जाते हैं। इस्लाम के 5 स्तंभों में सबसे अहम माने जाने वाले हज को हर काबिल मुसलमान को अपने जीवन में एक बार जरूर करना चाहिए। सऊदी सरकार हाजियों की सुरक्षा और देखभाल के लिए कई इंतजाम करती है, लेकिन पिछले कुछ सालों से हज के दौरान मौतों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। हाल ही में सऊदी अधिकारियों ने बताया कि इस साल करीब 577 हज यात्रियों की मौत गर्मी की वजह से हुई है। यह आंकड़ा 2015 की क्रेन दुर्घटना के बाद सबसे ज्यादा है।
सऊदी अरब एक खाड़ी देश है और यहां का तापमान आम दिनों में भी गर्म रहता है। पिछले कुछ सालों से बदलते माहौल का असर हज पर भी दिखने लगा है। इस साल सऊदी का तापमान 50 डिग्री तक दर्ज किया गया है। हज की ज्यादातर रस्में खुले में अदा की जाती हैं, पारा 50 के पार होने के बाद हाजियों को हज की इन रस्मों को पूरा करने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
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ग्लोबल वार्मिंग का असर खाड़ी देशों पर बड़े पैमाने पर देखने को मिल रहा है। तापमान में बढ़ोतरी के साथ ही यहां बारिश में भी बढ़ोतरी देखी गई है। यूरोपीय संघ की जलवायु परिवर्तन सेवा के अनुसार, मई 2024 अब तक का सबसे गर्म महीना रहा। हज के दौरान ये मौतें भी इसी महीने हुई हैं। सऊदी सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु परिवर्तन का हज यात्रा पर काफी असर पड़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन जगहों पर हज किया जाता है, वहां का तापमान हर दशक में 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है। सऊदी अरब के मौसम विभाग के अनुसार, इस साल मक्का की ग्रैंड मस्जिद में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
हर साल सऊदी सरकार हाजियों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए कई इंतजाम करती है। इनमें हज रूट पर वाटर शॉवर फैन, आराम के लिए एयर कंडीशनर टेंट और जगह-जगह वॉलंटियर और स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती आदि शामिल हैं।
गर्मी से मरने वाले ज्यादातर हज यात्री मिस्र के हैं। इस साल मिस्र के 323 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई है, जबकि इंडोनेशिया के 144 और जॉर्डन के 60 तीर्थयात्री भीषण गर्मी का शिकार हुए हैं। पिछले साल हज के दौरान 240 तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी। सऊदी मंत्रालय के मुताबिक, गर्मी की वजह से बीमार हुए 2000 से ज़्यादा तीर्थयात्रियों का इलाज किया गया है।
इस साल करीब 18 लाख लोगों ने हज किया है। मिस्र के एक अधिकारी ने एएफपी न्यूज़ एजेंसी को बताया कि पैसे बचाने के लिए बिना रजिस्ट्रेशन के हज पर जाने वालों की संख्या बढ़ गई है, जिसकी वजह से कुप्रबंधन और अव्यवस्था फैलती है। बिना रजिस्ट्रेशन के हज पर जाने से सऊदी सरकार की ओर से दी जाने वाली कई सुविधाओं से वंचित होना पड़ता है। जिसकी वजह से कई तीर्थयात्रियों को बिना एयर कंडीशनिंग के हज में रहना पड़ा है और सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है।
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