India News (इंडिया न्यूज), Saudi Arabia New labor Policy : ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका में अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। जल्द ही करीब 18 हजार भारतीयों को वापस भारत भेजा जाएगा। ट्रंप की तरफ से इस फैसले का आदेश दिया जा चुका है। वहीं दूसरी तरफ कनाडा ने भी इस साल 2025 से दूसरे देशों से वहां पढ़ने आने वाले छात्रों की संख्या तय कर दी है, जोकि 5,05,162 है। अमेरिका और कनाडा में लिए गए इस दोनों फैसलों का असर उन भारतीयों पर पड़ेगा जो बेहतर जिंदगी और रोजगार के लिए इन देशों का रुख करने का प्लान कर रहे हैं।

वहीं इसके उलट सऊदी अरब ने भी एक फैसला लिया है, लेकिन ये फैसला भारतीयों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। असल में मानव संसाधन और सामाजिक विकास मंत्रालय ने एक ऐसा नीति की शुरुआती की है जो भारतीयों के लिए खुशी लेकर आई है। मंगलवार को वहां पर जबरन श्रम मजदूरी को खत्म करने के लिए एक नई पॉलिसी की शुरुआत की गई है।

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नई श्रम पॉलिसी की शुरुआत

MEA के आकड़ो के मुताबिक इस वक्त सऊदी अरब में 26 लाख से ज्यादा भारतीय रह रहे हैं। सऊदी की नई श्रम पॉलिसी से स्किल, सेमीस्किल और अनस्किलिड लेबर के तौर पर काम करने वाले लोगों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। सऊदी ने जबरन श्रम मजदूरी को खत्म करने के लिए एक नई पॉलिसी की शुरुआत की है। इसके लागू होने के बाद सऊदी अरब पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने सुरक्षित काम के माहौल बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं।

इसके अलावा दूसरे देशों से आने वाले मजदूरों के हितों का भी ख्याल रखा जाएगा। इसके लागू होने से भारत के उन मजदूरों को फायदा होगा, जो कम पढ़े लिखे हैं और सऊदी के अनौपचारिक क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।

खत्म होगी जबरन मजदूरी

इस नई पॉलिसी के लागु होने के बाद जबरन श्रम पीड़ितों के लिए कानूनी, सामाजिक और आर्थिक सहायता मिल पाएगी। साथ ही उनकी रिकवरी में सहायता करने और फिर से पीड़ित होने के जोखिम से बचाने के तरीकों पर भी ध्यान देगी। ये राष्ट्रीय नीति भी किंग सलमान के विजन 2030 का एक हिस्सा है। सऊदी अरब अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के जबरन श्रम सम्मेलन के 2014 प्रोटोकॉल को मानने वाला पहला GCC सदस्य है और अब इस नीति को पेश करने के बाद ऐसा पहला अरब देश बन गया है। जो जबरन श्रम को खत्म करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय पैमानों पर काम कर रहा है।

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