India News (इंडिया न्यूज), Sheikh Hasina Extradition Plan: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भागकर भारत में शरण ली है। जिनके प्रत्यर्पण को लेकर कयासों का बाजार एक बार फिर गर्म हो गया है। देश में बनी अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर रहे मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र में भाग लेने के लिए इस समय अमेरिका में हैं। इस बीच मोहम्मद यूनुस ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के मुख्य अभियोजक करीम एए खान से बात की है। इसके बाद अंतरिम सरकार की शेख हसीना के प्रत्यर्पण की योजना को बल मिला है।
शेख हसीना की बढ़ सकती है मुसीबत
बता दें कि, यह बातचीत मानवता के खिलाफ अपराधों के उन आरोपियों के मुकदमे की प्रक्रिया पर केंद्रित थी। जिनका आरोप अंतरिम सरकार और हसीना के विरोधियों ने उन पर अगस्त में भारत भागने और विरोध प्रदर्शनों में 700 लोगों की मौत के सिलसिले में लगाया है। मुख्य अभियोक्ता करीम एए खान ने यूनुस से मुलाकात करते हुए उन्हें बताया कि देश की पूर्व प्रधानमंत्री के विरुद्ध निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए मानवता के विरुद्ध अपराध की शिकायत दर्ज की जा सकती है। वहीं, माना जा रहा है कि भारत शेख हसीना को नहीं सौंपेगा। क्योंकि उनकी सरकार नई दिल्ली की चिंताओं के प्रति संवेदनशील थी। लेकिन 2016 में दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि पर भी हस्ताक्षर हुए थे।
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कौन हैं करीम एए खान?
करीम एए खान पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश वकील हैं। इससे पहले वे फिलिस्तीन संघर्ष के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और हमास नेताओं के विरुद्ध मानवता के विरुद्ध अपराध के आधार पर तथा यूक्रेन की स्थिति के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरुद्ध आईसीसी से गिरफ्तारी वारंट प्राप्त करने में सफल रहे हैं। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित बैठक में रोहिंग्या संकट पर भी चर्चा की गई। इस दौरान खान ने यूनुस को आईसीसी द्वारा 2019 में शुरू की गई रोहिंग्या निर्वासन जांच के नवीनतम घटनाक्रम से अवगत कराया। आईसीसी अभियोजक ने कहा कि वह इस साल के अंत तक बांग्लादेश का दौरा करेंगे। उन्होंने इस मुद्दे को हल करने के लिए एक नई गति लाने के लिए यूनुस के तीन-सूत्री प्रस्ताव की भी प्रशंसा की।