India News (इंडिया न्यूज़), Mastermind Of Bangladesh Crisis: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस इन दिनों अमेरिकी दौरे पर है। अमेरिका में मुहम्मद यूनुस की गतिविधियां लगातार सुर्खियां बटोर रहीं हैं। सबसे पहले मुहम्मद यूनुस ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की। अब उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से भी मुलाकात की है। दरअसल यूनुस 25 सितंबर को ‘क्लिंटन ग्लोबल इनिशिएटिव’ कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में बाइडेन के अलावा अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम के दौरान नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस ने इस बात को स्वीकार किया कि, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाने में ‘योजना और साजिश’ शामिल थी। क्लिंटन ग्लोबल इनिशिएटिव की वार्षिक बैठक में मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेशी छात्र नेताओं को श्रद्धांजलि भी दी।
इस कार्यक्रम के दौरान मुहम्मद यूनुस ने कहा कि, “बांग्लादेश का नया संस्करण बना रहे हैं। आइए उनकी सफलता की कामना करें।” उन्होंने अपने भाषण में कहा कि, “कोई भी यह नहीं बता सकता” कि विरोध प्रदर्शनों के पीछे कौन था। लेकिन उन्होंने इस दौरान “महफूज अब्दुल्ला” का जिक्र भी लिया, जो दर्शाता है कि हसीना को देश से बाहर निकालने में उनकी भूमिका थी। यूनुस ने इस दौरान अपने स्पेशल असिस्टेंट महफूज आलम को लोगों से रूबरू करवाया। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सावधानीपूर्वक डिजाइन किया गया था, यह संयोग से नहीं हुआ। 84 वर्षीय अर्थशास्त्री को शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद अगस्त में देश के मुख्य सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था, जब छात्र आंदोलन ने हसीना को देश से भागने के लिए मजबूर कर दिया था।
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मुहम्मद यूनुस के बांग्लादेश की सत्ता संभालने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है कि शेख हसीना को सत्ता से उखाड़ फेंकने के पीछे किसका हाथ था। मुहम्मद यूनुस ने अपने भाषण के दौरान कहा कि, “ये किसी दूसरे युवा व्यक्ति की तरह ही दिखते हैं। लेकिन जब आप इनको एक्शन में देखेंगे, जब इनके भाषण सुनेंगे, तो आप कांपने लगेंगे। अपनी लगन और भाषण से इन लोगों ने बांग्लादेश को हिलाकर रख दिया। इन लोगों ने कहा कि आपको हमें मारना है तो मार दीजिए, लेकिन हम हार नहीं मानेंगे।”
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मुहम्मद यूनुस ने आगे कहा कि, ”पूरी क्रांति के पीछे यही (महफूज आलम) थे। हालांकि वह बार-बार इससे इनकार करते हैं। लेकिन अगर यूनुस की बात पर भरोसा किया जाए तो इससे साफ जाहिर होता है कि, उस पूरी क्रांति के पीछे यही थे। ये अचानक हुई चीज नहीं थी।” उन्होंने आलम की ओर इशारा करते हुए कहा, “आंदोलन को बहुत अच्छे से डिजाइन किया गया था। इस आंदोलन के दौरान लोगों को इस बात का पता भी नहीं था कि इसका नेता कौन है? ऐसे में आप किसी एक को पकड़कर ये नहीं कह सकते कि आंदोलन खत्म हो गया। जब ये बोलते हैं तो ये दुनिया के किसी भी युवा को प्रेरित कर सकते हैं।”
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