India News (इंडिया न्यूज), Khaleda Zia Attack Sheikh Hasina: पिछले साल जुलाई-अगस्त के महीने में बांग्लादेश में छात्र आंदोलन शुरू हुआ था। उसके चलते प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा था, जिसके बाद उन्हें अपनी जान बचाने के लिए भारत में शरण लेनी पड़ी थी। तब से वह भारत में रह रही हैं। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़े 7 महीने हो चुके हैं, लेकिन उनकी राजनीतिक छवि का असर अभी भी देश की कट्टरपंथी ताकतों पर है। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया ने हाल ही में शेख हसीना पर यह आरोप लगाया है। उन्होंने आगे कहा कि उनके फासीवादी सहयोगी अभी भी बांग्लादेश में जनांदोलनों को दबाने की साजिश कर रहे हैं।
लंदन से वर्चुअल संबोधन के दौरान खालिदा जिया ने गुरुवार (27 फरवरी) को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि फासीवादी समर्थक बांग्लादेश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से जनता के साथ मिलकर साजिशों से लड़ने और एक सच्चे लोकतांत्रिक बांग्लादेश के निर्माण के लिए काम करने की अपील की। बांग्लादेश की तीन बार प्रधानमंत्री रह चुकी खालिदा जिया ने शेख हसीना पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें फासीवादी बताया और दावा किया कि छात्रों और जनता के आंदोलन ने हसीना को देश से भागने पर मजबूर कर दिया।
Khaleda Zia Attack Sheikh Hasina (खालिदा जिया ने शेख हसीना पर बोला हमला)
उन्होंने कहा कि अब जनता अंतरिम सरकार के जरिए चुनाव की तैयारी कर रही है, लेकिन हसीना के समर्थक चुनाव में बाधा डालने की साजिश कर रहे हैं। अंतरिम सरकार और मोहम्मद यूनुस शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी।
Begum Khaleda Zia paid tribute to martyrs of the anti-fascist July-August movement & remembered BNP’s sacrifices in the 15-year struggle. “Even in the UK for treatment, I am always with you in spirit,” she said. #Bangladesh #KhaledaZia pic.twitter.com/Gh2WpmXfTi
— Yusuf Khan (@KhanYusuf98) February 27, 2025
मोहम्मद यूनुस का मकसद बांग्लादेश में चुनाव कराकर सत्ता हस्तांतरण करना था, लेकिन बीएनपी के मुताबिक यूनुस चुनाव की जगह इस्लामिक एजेंडे को लागू करने में व्यस्त हो गए हैं। चुनाव में देरी से बीएनपी और उसके नेताओं में नाराजगी बढ़ती जा रही है। खालिदा जिया ने इस मुद्दे पर सरकार पर आरोप लगाए हैं। हाल ही में बांग्लादेश के आर्मी चीफ ने भी मोहम्मद यूनुस को दिसंबर तक चुनाव कराने का अल्टीमेटम दिया है, जिसके चलते देश में चुनावी हलचल तेज हो गई है।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, बांग्लादेश की राजनीति में शेख हसीना और खालिदा जिया के बीच विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। चुनावों में देरी और मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के इस्लामिक एजेंडे को लेकर बीएनपी की नाराजगी अब खुलकर सामने आ रही है। आने वाले महीनों में बांग्लादेश की राजनीति में और भी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।