India News (इंडिया न्यूज), Sheikh Hasina: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने गुरुवार (28 नवंबर, 2024) को अपने देश में एक हिंदू पुजारी की गिरफ्तारी के बारे में बात की। उन्होंने एक वकील की मौत के बारे में भी बात की, जो भिक्षु की गिरफ्तारी के बाद हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए थे। उन्होंने अपने बयान में कहा कि, “सनातन धार्मिक समुदाय के एक शीर्ष नेता को अन्यायपूर्ण तरीके से गिरफ्तार किया गया है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। चटगांव में एक मंदिर को जला दिया गया है। इससे पहले, अहमदिया समुदाय की मस्जिदों, धार्मिक स्थलों, चर्चों, मठों और घरों पर हमला किया गया, तोड़फोड़ की गई, लूटपाट की गई और आग लगा दी गई। आगे अपनी बात रखते हुए शेख हसीना ने कहा कि, “सभी समुदायों के लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता और जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।”
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की अर्थव्यवस्था और कानून व्यवस्था को संभालने की क्षमता पर गंभीर चिंताओं को उजागर करते हुए बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा, “मौजूदा सत्ता हथियाने वाले सभी क्षेत्रों में विफल दिख रहे हैं। दैनिक आवश्यकताओं की कीमतों को नियंत्रित करने में विफल रहे, लोगों के जीवन की सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहे। आम लोगों पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इन अत्याचारों की कड़ी निंदा करती हूं।” हसीना ने बांग्लादेश में हिंसा की बढ़ती घटनाओं के लिए अंतरिम सरकार की भी आलोचना की, जिसके कारण चटगाँव में एक वकील की मौत हो गई। उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर अंतरिम सरकार आतंकवादियों को दंडित करने में विफल रहती है, तो उसे “घोर मानवाधिकार उल्लंघन” की सजा भुगतनी होगी।
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, बांग्लादेश में हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी पर शेख हसीना का बयान सामने आया है। शेख हसीना के 5 अगस्त को देश छोड़ने के बाद से लगातार हिंदुओं और उनके मंदिरों पर हमले किए जा रहे हैं। हालिया घटनाक्रम पर अपना बयान देते हुए शेख हसीना ने कहा कि, “चटगाँव में एक वकील की हत्या कर दी गई, जिसने इस हत्या का कड़ा विरोध किया। इस हत्या में शामिल लोगों को जल्द से जल्द ढूंढकर दंडित किया जाना चाहिए। इस घटना के माध्यम से मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन किया गया है। एक वकील अपने पेशेवर कर्तव्यों का पालन करने गया था, और उसे पीट-पीटकर मार डालने वाले आतंकवादी हैं। वे जो भी हों, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।
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अगर असंवैधानिक रूप से सत्ता हथियाने वाली यूनुस सरकार इन आतंकवादियों को दंडित करने में विफल रहती है, तो उसे भी मानवाधिकार उल्लंघन की सजा भुगतनी होगी। मैं देश के लोगों से इस तरह के आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील करती हूं। आम लोगों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
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