India News(इंडिया न्यूज),Showing the Finger: आज कल एक चिज बहुत ट्रेंड में चल रही है जिसमें लोग एक दूसरे से लड़ाई हो या किसी प्रकार की बहस मिडिल फिंगर दिखाने लगते है जिसके बाद मामूली सी बहस भी एक हिंसक रूप ले लेती है तो क्या ये इशारा इतना बदनाम है जिसके कारण इतने बड़े पैमाने पे लड़ाईयां हो जाती है। तो आज हम आपको बताएंगे कि आखिर इस फिंगर के बदनाम होने के पिछे का क्या कारण है।

  • मिडिल फिंगर दिखाना गलत क्यों?
  • लोग क्यों हो जाते है हिंसक
  • इसके पिछे है कई बड़े इतिहास

क्यों हो गई ये फिंगर बदनाम

मिली जानकारी के अनुसार यूनान के विख्यात प्राचीन नाटककार अरिस्टोफेनस ने मिडिल फिंगर का इस्तेमाल अपने एक नाटक ‘द क्लाउड’ में हजारों साल पहले किया था। जिसके बारे में बात करें तो नाटक में भी यह नीचा दिखाने के लिए ही प्रयोग किया गया था। जिस कारण आज तक तक अंगुलियों की यह मुद्रा एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए प्रचलन में है। इसके साथ ही प्राचीन काल में रोमन लोग अंगुलियों की इस मुद्रा को मेल ऑर्गेन के संकेत के तौर पर भी प्रयोग करते थे। जिसका कारण उठी हुई बीच वाली अंगुली को पेनिस और अगल-बगल नीचे की ओर झुकी दोनों अंगुलियों को टेस्टिकल्स के संकेत के तौर पर लेते थे।

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प्रजा के लिए करते थे उपयोग

वहीं इस मामले में खबर ये भी सामने आ रही है कि रोमन साम्राज्य के एक कुख्यात सम्राट को प्राचीन काल में जब अपनी प्रजा को किसी बात पर अपमानित करना होता था, तो वह उसे मिडिल फिंगर चूमने को मजबूर करता था। इससे यह पता चलता है कि प्राचीन रोम और यूनान में मिडिल फिंगर को घृणा के भाव से देखते थे और शायद यही एक बड़ा कारण है कि आज मैच से लेकर असल जीवन में जब कोई किसी को मिडिल फिंगर दिखाता है, तो इसका मतलब अपमानित करना माना जाता है।

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जैसा देश वैसा भेश

वहीं बात और भी उंगली की करें तो सभी देशों में उंगलियों के इशारे के अलग-अलग मतलब होते है। हाथ के सभी उंगलियों को दिखाने का तरीका और अर्थ अलग-अलग होते है। जैसे भारत में पहली उंगली उठाने का मतलब कुछ कहने या ध्यान खींचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन थाइलैंड में दूसरे को ऐसे उंगली दिखाना गंभीर अपराध माना जाता है। वहीं दक्षिण अफ्रीका में भी इसे आक्रामक रुख माना जाता है।