कुछ देशों और उनकी एजेंसियों ने आतंकवाद को अपनी राष्ट्र नीति बनाया, ‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलनम में अमित शाह ने पाकिस्तान को घेरा

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘ नो मनी फॉर टेरर ‘ समिट के दरम्यान आतंकवाद को पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा बताया। शाह ने कहा कि लोकतंत्र, मानवाधिकार, आर्थिक प्रगति और विश्व शांति के लिए आतंक एक गंभीर खतरा है। आपको बता दें, शाह तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन ‘नो मनी फॉर टेरर’ के समापन सत्र में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि, अगर आतंक से पार पाना है तो आतंकवाद का सामना करने के लिए पूरे विश्व को कंधे से कंधा मिलाकर काम करना होगा।

आतंकवाद के खिलाफ सभी हो एकजुट

‘नो मनी फॉर टेरर ‘ सम्मेलन के दौरान शाह ने कहा कि, कोई भी देश अकेले आतंकवाद को नहीं हरा सकता है। गृहमंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ना जारी रखना चाहिए। इस दौरान पाकिस्तान का नाम लिए बिना पड़ोसी देश पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि कुछ देशों और उनकी एजेंसियों ने आतंकवाद को अपनी राज्य नीति बना लिया है। कुछ देश बार-बार आतंकवादियों और आतंकवाद को पनाह देने वालों का समर्थन करते रहे हैं। आतंकवाद की कोई अंतरराष्ट्रीय सीमा नहीं होती, इसलिए सभी देशों को राजनीति से परे सोचना चाहिए और एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए।

आतंक की लड़ाई में खुफिया जानकारी हो साझा

अमित शाह ने आतंकवाद को हराने के लिए विश्व समुदाय के बीच खुफिया जानकारी साझा करने में पारदर्शिता रखने का भी आह्वान किया। शाह ने कहा कि, हमारी पहली प्रतिबद्धता पारदर्शिता के साथ सहयोग की होना चाहिए। सभी देशों, सभी संगठनों को बेहतर और प्रभावी तरीके से खुफिया जानकारी साझा करने में पूरी पारदर्शिता का संकल्प लेना चाहिए। युवाओं के बीच कट्टरता को बढ़ावा देने वाले एक संगठन के खिलाफ भारत द्वारा की गई कार्रवाई का हवाला देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि हर देश को ऐसे संगठनों की पहचान करनी चाहिए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

हर क्षेत्र में आंक को किया जाए पराजित

आतंक के खिलाफ आयोजित सम्मलेन के समापन समरोह के अंतिम लम्हों में अमित शाह ने कहा कि हमें आतंकवाद और आतंकवादी समूहों के खिलाफ यह युद्ध हर क्षेत्र में लड़ना है। आतंकवाद से लड़ने का दृष्टिकोण पांच स्तंभों पर आधारित होना चाहिए। जिसमें व्यापक निगरानी ढांचा, सभी खुफिया और जांच एजेंसियों के बीच सहयोग, समन्वय और सहयोग शामिल है। ट्रेस , टार्गेट और टर्मिनेट की रणनीति ही आंतक के खिलाफ कारगर हो सकती है।

Ashish kumar Rai

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