इंडिया न्यूज, काबुल
Women Support Taliban : अफगानिस्तान में कुछ महिलाएं आतंकी संगठन के समर्थन में आ गई हैं। जानकारी के अनुसार करीब 300 बुकार्धारी महिलाओं ने तलिबान के समर्थन में रैली निकाली है। वह सिर से पांव तक काले बुर्के से ढकी थी। उन्होंने तालिबान को सच्ची सरकार बताया और कहा कि उसका विरोध करने वाले पश्चिमी देश उनके मामलों में हस्तक्षेप कर रहे है। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने अफगानिस्तान पर हाल ही में आतंकी सगठन के कब्जे के बाद लागू किए फरमान को जायज ठहराया। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सड़कों पर उतरने से पहले विश्वविद्यालय के व्याख्याताओं और छात्राओं ने एक सभा की व्यवस्था की थी। काबुल में अन्य प्रदर्शनों के विपरीत, यह दूसरा विरोध प्रदर्शन था। खास बात यह रही कि मीडियाकर्मियों को इस विरोध प्रदर्शन को कवर करने की इजाजत दी गई थी। इन महिला प्रदर्शनकारियों ने हाल ही में अन्य महिला प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई तथाकथित हिंसा की निंदा की और आईईए को अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। तालिबान द्वारा सभी विश्वविद्यालयों और संस्थानों में युवक और युवतियों के लिए अलग-अलग कक्षाओं की योजना का भी स्वागत किया गया है। साथ ही प्रतिज्ञा करते हुए उन्होंने कहा कि वे आईईए को मजबूत करने के लिए काम करेंगे। बता दें कि इससे पहले सैकड़ों महिलाएं कुंदुज प्रांत में जमा हुई थीं और तालिबान का विरोध प्रदर्शन किया था। अफगानिस्तान में तालिबान के पिछले शासन में 1996-2001 के बीच महिलाओं पर खूब अत्याचार हुआ था। एक बार फिर से तालिबान के लौटते ही महिलाओं के लिए बुर्का या नकाब पहनने का फिर लागू हो गया है। बीते कुछ दिन से बड़ी संख्या में महिलाएं तालिबान के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। कुछ दिन पहले तालिबान ने कहा था कि महिलाओं को कैबिनेट में काम करने की जरूरत नहीं है। उन्हें सिर्फ बच्चे पैदा करने चाहिए। हालांकि सत्ता हथियाने के समय संगठन ने महिलाओं को उनके अधिकार देने की बात कही थी। इसके बाद सरकार के गठन का ऐलान करने के साथ ही तालिबान के सुर बदल गए।
हिजाब और बुर्का पहनकर निकली महिलाओं की सुरक्षा के लिए तालिबान (ळं’्रुंल्ल) लड़ाकों ने कड़ा इंतजाम किया था। महिलाओं ने अपने हाथ में तालिबान के झंडे ले रखे थे। उन्होंने तालिबान के फेवर में नारेबाजी की और उसके बाद काबुल यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में हो रहे कार्यक्रम में शामिल हुई। जुलूस में शामिल एक बुकार्धारी महिला ने दावा किया कि वे उन महिलाओं के खिलाफ हैं, जो सड़कों पर तालिबान के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। महिला ने जोर देकर कहा कि तालिबान के खिलाफ बोलने वाली औरतें देश की महिलाओं की प्रतिनिधि नहीं हैं।
प्रदर्शन में शामिल एक महिला ने आरोप लगाया कि पिछली अशरफ गनी सरकार महिलाओं का दुरुपयोग कर रही थी। वे सिर्फ अपनी सुंदरता के आधार पर महिलाओं की सरकारी नौकरी में भर्ती कर रहे थे। काबुल यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने कहा, हिजाब नहीं पहनने वाली औरतें हम सभी को नुकसान पहुंचा रही हैं। एक अन्य ने कहा, हम अपनी पूरी ताकत से अपनी सरकार का समर्थन कर रहे हैं।
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