India News (इंडिया न्यूज),Benjamin Netanyahu:इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका दौरे पर रवाना हो गए हैं। मंगलवार यानी 4 फरवरी को उनकी मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हो सकती है। रविवार यानी 2 फरवरी को नेतन्याहू ने कहा कि ट्रंप के साथ मुलाकात में वह गाजा पट्टी में हमास पर जीत, ईरान का सामना करने और अरब देशों के साथ कूटनीतिक संबंध बढ़ाने जैसे विषयों पर चर्चा करेंगे। व्हाइट हाउस में दोबारा प्रवेश करने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की किसी विदेशी नेता से यह पहली मुलाकात होगी। इजरायली पीएम का कहना है कि शपथ ग्रहण के बाद व्हाइट हाउस में ट्रंप से मिलने वाले वह पहले विदेशी नेता हैं। उन्होंने कहा कि यह इजरायल-अमेरिकी गठबंधन की मजबूती के साथ-साथ हमारी निजी दोस्ती की मजबूती का सबूत है। यह मुलाकात ऐसे समय होने जा रही है जब अमेरिकी और अरब मध्यस्थ गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध को रोकने और बंधकों व कैदियों की अदला-बदली के लिए सोमवार से संघर्ष विराम समझौते के अगले चरण पर आम सहमति बनाने की कवायद शुरू करने जा रहे हैं। युद्ध विराम और बंधक समझौते की शर्तों के अनुसार, समझौते के दूसरे चरण के लिए वार्ता पहले चरण के 16वें दिन यानी अगले सोमवार से शुरू होनी चाहिए।

युद्ध विराम समझौता

वहीं, पिछले महीने युद्ध विराम लागू होने के बाद गाजा पट्टी पर फिर से नियंत्रण हासिल करने वाले हमास समूह ने कहा है कि वह युद्ध की समाप्ति और इजरायली सेना की पूरी तरह वापसी के बाद ही दूसरे चरण में रिहा किए जाने वाले बंधकों को रिहा करेगा। 19 जनवरी से प्रभावी हुए गाजा युद्ध विराम समझौते के तहत अब तक चार बार कैदियों की अदला-बदली की जा चुकी है। इस दौरान हमास ने इजरायली बंधकों को रिहा किया है, जिसके बदले में इजरायल ने फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है।

मार्च की शुरुआत में युद्ध विराम समझौते के पहले चरण की समाप्ति के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर उनके गठबंधन सहयोगियों द्वारा फिर से युद्ध में उतरने का दबाव बनाया जा रहा है। साथ ही नेतन्याहू ने यह भी कहा है कि इजरायल अभी भी हमास पर जीत और 7 अक्टूबर 2023 के हमलों के दौरान अपहृत सभी बंधकों की रिहाई के लिए प्रतिबद्ध है।

युद्ध पर ट्रंप का रुख

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि इजरायल-हमास युद्ध पर ट्रंप का रुख क्या है। हालांकि वे इजरायल के कट्टर समर्थक रहे हैं। लेकिन उन्होंने पश्चिम एशिया में युद्ध को समाप्त करने का आश्वासन दिया है और इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम समझौते में मदद करने का श्रेय भी लिया है। इस समझौते के कारण गाजा पट्टी में चल रही लड़ाई फिलहाल रुक गई है। इस दौरान करीब 15 महीने पहले इजरायल से अपहृत 18 बंधकों की रिहाई संभव हो पाई है, जिसके बदले में इजरायल ने सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है।

इन मुद्दों पर होगी चर्चा

साथ ही पीएम नेतन्याहू ने पश्चिम एशिया में शांति के लिए ट्रंप के आह्वान का समर्थन किया है। रविवार को वाशिंगटन रवाना होने से पहले जारी बयान में नेतन्याहू ने पश्चिम एशिया में हमास समेत अन्य चरमपंथी समूहों को ईरान के समर्थन का जिक्र करते हुए कहा कि वह ट्रंप से हमास पर जीत, उसके सभी बंधकों की रिहाई और ईरान समर्थित आतंकवादी संगठनों से सभी मोर्चों पर निपटने पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि साथ मिलकर काम करके वे सुरक्षा को मजबूत कर सकते हैं, शांति के दायरे का विस्तार कर सकते हैं और ताकत के जरिए शांति के एक उल्लेखनीय युग को हासिल कर सकते हैं। युद्ध विराम समझौते के पहले चरण के तहत हमास को इजरायल के कुल 33 बंधकों को रिहा करना है, जिसके बदले में इजरायल करीब 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। समझौते के तहत इजरायली सैनिक युद्धग्रस्त क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों से पीछे हट गए हैं, जिससे हजारों विस्थापित फिलिस्तीनियों का उत्तरी गाजा में अपने घरों में लौटना संभव हो गया है। वहीं, युद्ध को समाप्त करने और शेष 60 बंधकों को रिहा करने के लिए संघर्ष विराम समझौते के दूसरे चरण की वार्ता सोमवार को शुरू होने वाली है। अगर अमेरिका, कतर और मिस्र इजरायल और हमास के बीच समझौता कराने में विफल रहते हैं, तो मार्च की शुरुआत में युद्ध फिर से शुरू हो जाएगा।

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