India News(इंडिया न्यूज),South China Sea: दक्षिण चीन सागर में चीन और फिलीपींस के बीच एक बार फिर तनाव पैदा हो गया। यहां चीनी तटरक्षक बल के जहाजों ने फिलीपींस के जहाजों को समुद्री तट पर रोक दिया। जिसके बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हो गई जिससे विवाद फिर बढ़ गया। क्षेत्रीय मुद्दा शुरू से ही रहा है। जिसके चलते यहां अक्सर तनाव बना रहता है।
फिलीपीन तटरक्षक बल के प्रवक्ता कमोडोर जे टेरिएला के अनुसार, चीनी जहाजों ने फिलीपींस के दो जहाजों के खिलाफ खतरनाक गतिविधियां कीं। इसी दौरान फिलीपींस और चीन के एक जहाज के बीच टक्कर हो गई। बताया जा रहा है कि इस टक्कर में फिलीपींस का जहाज भी क्षतिग्रस्त हो गया है। हालांकि, जहाजों के बीच ये टक्कर कहां हुई, इसके बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई है। इससे पहले सेना ने फिलीपीन के नियंत्रण वाले सेकेंड थॉमस शोल में सामान और सैन्यकर्मी भेजने की बात कही थी।
‘चीन की कार्रवाई फिलीपींस के अधिकारों का उल्लंघन’
फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर का कहना है कि उनके पास दक्षिण चीन सागर में अपने देश के क्षेत्र की रक्षा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। जिस पर चीन और बीजिंग अपना दावा करते हैं। मार्कोस ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय कानून द्वारा प्रदान की गई स्पष्टता के बावजूद, क्षेत्र में एकतरफा और अवैध कार्रवाई की जा रही है, जो फिलीपींस के अधिकारों और उसकी संप्रभुता का उल्लंघन है।
शिखर सम्मेलन में उठाया जाएगा मुद्दा
खबर है कि आगामी शिखर सम्मेलन में दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय विवाद को लेकर बातचीत हो सकती है। दरअसल, इस सप्ताह दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के नेताओं और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष के बीच एक शिखर सम्मेलन होना है। ऐसे में माना जा रहा है कि दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय विवाद का मुद्दा सम्मेलन के एजेंडे में सबसे ऊपर रहेगा और इस पर चर्चा होगी।
मेलबर्न में होने वाले शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस का कहना है कि उनके पास दक्षिण चीन सागर में चीन के खिलाफ खड़े होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि एक नेता का कर्तव्य है कि वह अपने देश के क्षेत्र की रक्षा करे। राष्ट्रपति मार्कोस ने स्पष्ट रूप से कहा कि फिलीपींस की क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में नहीं डाला जा सकता है।
चीन ने फिलीपींस पर उकसाने का लगाया आरोप
उधर, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने फिलीपींस पर दक्षिण चीन सागर में उकसावे वाली कार्रवाई करने और चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता और समुद्री हितों को कमजोर करने का आरोप लगाया है। प्रवक्ता ने कहा कि चीन ने अपनी संप्रभुता और हितों की रक्षा के लिए कानूनों के अनुसार आवश्यक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि फिलीपीन के जहाजों को नुकसान पहुंचाने की बात बेबुनियाद है।
इससे पहले, फिलीपींस के विदेश मंत्री एनरिक मनालो ने क्षेत्रीय पड़ोसियों से दक्षिण चीन सागर में कानून का शासन बनाए रखने के लिए और अधिक मजबूती से एक साथ खड़े होने का आग्रह किया। जहां चीन ने अपने दावों को मजबूत करने के लिए कई कृत्रिम द्वीपों पर चौकियां बना ली हैं।
आपको बता दें कि चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, जो शिपिंग के लिए दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक है। इस मामले को लेकर चीन का दूसरे देशों से अक्सर विवाद होता रहता है।
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