इंडिया न्यूज, प्योंगयांग:
उत्तर कोरिया इन दिनों रहस्यमय बुखार से जूझ रहा है। इस रहस्यमय बुखार ने 6 लोगों की जान ले ली है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि ऐसा बुखार अप्रैल के अंत से देश भर में फैल गया है जिसके कारण की पहचान नहीं की जा सकी है। इससे 6 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में से एक रिपार्ट कोरोना पॉजीटिव आई थी। लेकिन उत्तर कोरिया की सरकार ने दावा किया है कि कोरोना वायरस जिस समय 2020 में पूरे विश्व में तबाही मचा रहा था, तभी से उत्तर कोरिया की सीमाएं सील हैं, लिहाजा यहां कोरोना वायरस का एक भी केस नहीं आया।
लेकिन आपको बता दें कि उत्तर कोरिया की सरकार भी चीन की तरह सच सामने नहीं आने देती है। शुरू में चीन ने भी कोरोना वायरस के सही आंकड़े छिपाए थे और अब चीन में कोरोना वायरस एक बार फिर से कहर बरपा रहा है। दूसरी तरफ उत्तर कोरिया में भी इन दिनों रहस्यमय बुखार फैल रहा है।
अत: उत्तर कोरिया में इसको लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इस रहस्यमय बीमारी से निपटने के लिए नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग द्वारा की जारी तैयारियों की आलोचना भी हो रही है। सवाल इसलिए भी बड़ा है, क्योंकि कोरोना वायरस की कई लहरों ने दुनिया के छोटे से लेकर बड़े देशों तक तबाही मचाई है।
ऐसे में उत्तर कोरिया में एक भी कोरोना केस नहीं आया। ये कैसे हो सकता है? ऐसा संभव नहीं है कि उत्तर कोरिया में अब तक कोरोना केस आए ही न हों, जबकि वह चीन का सीमावर्ती देश है। साथ ही चीन के साथ उसके करीबी संबंधों को देखते हुए दोनों देशों के लोगों की आवाजाही से भी उसके वहां कोरोना जरूर पहुंचा होगा।
दरअसल, उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने सबसे गंभीर राज्य में आपातकाल घोषित करने और लॉकडाउन का आदेश दिया, जिसके बाद स्थिति और प्रतिक्रियाओं की जांच के लिए एंटी-वायरस कमांड सेंटर का दौरा किया। इससे पहले उत्तर कोरिया में संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि करने के बाद देश के नेता किम जोंग-उन ने शहरों और काउंटी में पूर्ण लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया है। ताशानाह किम जोंग ने बुखार और असामान्य लक्षण वाले लाखों लोगों को क्वारैंटाइन कर दिया गया है।
जानना जरूरी है कि अप्रैल के अंत से उत्तर कोरिया में लगभग 20 लाख लोग रहस्यमयी बुखार से पीड़ित हो चुके हैं। वर्ल्ड हेल्थ आॅर्गनाइजेशन ने भी उत्तर कोरिया के हालात पर चिंता व्यक्त की और है कि वहां जिस अंदाज में कोरोना केस से निपटा जा रहा है उससे दुनिया में कोरोना का नया वैरिएंट फैलने का खतरा पैदा हो गया है। इससे पहले 12 मई को नॉर्थ कोरिया ने पहली बार अपने देश में कोरोना वायरस पाए जाने की घोषणा की। कोविड-19 महामारी फैलने के 2 साल से अधिक समय बाद उत्तर कोरिया में संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि की गई है।
उत्तर कोरिया में जिस तेजी के साथ रहस्यमय बुखार के मामले सामने आ रहे हैं, इससे दुनिा में एक नया खतरा पैदा हो रहा है। 12 मई को नॉर्थ कोरिया ने जब देश के पहले कोरोना केस के बारे में बताया, तब भी तो ये नहीं बताया कि कितने लोगों में इस वेरिएंट की पुष्टि हुई है। सिर्फ इतना बताया गया कि 8 मई को बुखार से पीड़ित कुछ लोगों के सैंपल्स लिए गए थे, जिनमें संक्रामक ओमिक्रॉन वैरिएंट पाया गया। इसी कारण विशेषज्ञ ये मान रहे हैं कि उत्तर कोरिया में कोरोना की स्थिति बहुत भयावह हो सकती है, जो कि दुनिया के लिए भी खतरनाक है।
आपको मालूम है कि उत्तर कोरिया कभी भी दुनिया को सही जानकारी नहीं देता है। इसी कारण रहस्यमय बुखार को लेकर कई तरह के सवाल और भय उठने शुरू हो गए है। नॉर्थ कोरिया की स्टेट मीडिया कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अप्रैल महीने के अंत से अब तक 20 लाख से ज्यादा लोग बुखार के लक्षणों के साथ बीमार हो चुके हैं।
टेस्टिंग कम होने से नॉर्थ कोरिया ने बहुत कम संख्या में इन मामलों के कोरोना केसेज होने की पुष्टि की है। वहीं विदेशी विशेषज्ञों की माने तो नॉर्थ कोरिया में फैले बुखार की वजह कोरोना वायरस ही है। नॉर्थ कोरिया का मेडिकल सिस्टम भी बहुत कमजोर है, इसीलिए दवाओं के सही वितरण के लिए राजधानी प्योंगयोंग में मेडिकल सेंटर्स पर सेना की तैनाती कर दी गई है।
नॉर्थ कोरिया द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 24 घंटों में 2 लाख 62 हजार 270 रहस्यमय बुखार के मामले आए हैं। इनमें से एक व्यक्ति की मौत हुई है। इससे हाल के दिनों में फैले बुखार से मरने वालों की संख्या बढ़कर 63 हो गई। वहीं 7.40 लाख लोग क्वांरटाइन हैं।
उत्तर कोरिया में फैले रहस्यमय बुखार के बारे में सही जानकारी दुनिया तक नहीं पहुंचाई जा रही है। ऐसा लग रहा है कि नॉर्थ कोरिया चीन के नक्शे कदम पर चल रहा है। शुरू में चीन ने भी कोरोना केस को दुनिया से छिपाया था। चीन ने आधिकारिक तौर पर दिसम्बर 2019 में कोरोना वायरस की पुष्टि की थी। ये पहला केस चीन के वुहान में आया था। चीन द्वारा कोरोना की जानकारी देरी से बताने का खामियाजा पूरी दुनिया ने भुगता था। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि उत्तर कोरिया ने भी इस रहस्यमय बीमारी से जल्द ही दुनिया को अवगत न करवाया तो ये भी गंभीर रूप ले सकता है।
कोरोना वायरस को लेकर चीन पर कई तरह के आरोप लग चुके हैं। एक तो देरी से जानकारी साझा करने का। वहीं यह भी आरोप है कि कोरोना वायरस चीन की वुहान लैब से लीक हुआ और दुनियाभर में फैल गया।
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