इंडिया न्यूज, Sri Lanka Crisis: पड़ोसी देश श्रीलंका में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। जनता के गुस्से के आगे प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया है तो राष्ट्रपति गोटबाया ने भी 13 जुलाई को इस्तीफा देने की बात कही है। श्रीलंका में इन दिनों आर्थिक संकट भी चरम पर है। अत: प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति से जनता किसी तरह की उम्मीद नहीं रख रही।
ऐसे में बड़ा सवाल उठा रहा है कि अब आगे श्रीलंका का भविष्य क्या होगा? कौन करेगा इस देश की मदद। हालांकि कई देश मदद को तैयार है लेकिन मन में एक ही सवाल कौंध रहा है कि क्या होगा इस देश का? इस देश को कौन संभालेगा? तो बने रहिए इस लेख में और आईये हम भी खोज करते हैं इन्हीं सवालों के जवाब का।
बता दें कि श्रीलंका के राजनीतिक संकट पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत मौजूदा आर्थिक संकट से निकालने के लिए श्रीलंका की मदद करेगा। भारत और श्रीलंका के बीच मजबूत द्विपक्षीय रिश्ते हैं।
श्रीलंका की आबादी लगभग 2.2 करोड़ है। देश के इस संकट को पिछले 7 सालों का सबसे खराब समय कहा जा सकता है। भुखमरी की कगार पर खड़ी जनता सड़कों पर उतर आई है। वह भी रोजी-रोटी के लिए नहीं देश को वर्तमान संकट से निकालने और दोषियों को आईना दिखाने के लिए।
यहां लगातार विरोध और प्रदर्शन तेज हो रहे हैं। बीते दिन प्रधानमंत्री के घर में आग लगा दी गई है। श्रीलंका अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी दूसरे देशों से मिलने वाली मदद पर निर्भर है। हर जगह मदद को हाथ फैलाए जा रहे हैं और इस बीच जनता का हाल बुरा हो चुका है।
अब दुनिया के दूसरे देश जो श्रीलंका के इन हालातों को देख रहे हैं उनके मन में एक ही सवाल है अब श्रीलंका में क्या होगा? देश के हालात कैसे बदलेंगे? कैसे सुधरेंगे? मौजूदा हालात ये हैं कि श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे इस्तीफा दे चुके हैं। इस बीच इस्तीफे की मांग के लिए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे भी अपना आधिकारिक निवास छोड़कर भाग खड़े हुए हैं। वे कहां हैं, कहां छिपे हैं। इस बारे में किसी को कुछ नहीं पता है। श्रीलंका की संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा ने शनिवार रात जानकारी दी कि राजपक्षे 13 जुलाई को इस्तीफा देंगे।
श्रीलंका में 13 जुलाई को हालात ये होंगे कि देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों का पद खाली हो चुका होगा। ऐसे में इसके बाद क्या होगा? कौन संभालेगा देश? प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद अब देश में सर्वदलीय सरकार बनने की संभावना है।
वहीं राष्ट्रपति का पद खाली होने की स्थिति पर बात करें तो श्रीलंका के संविधान के अनुसार यदि कार्यकाल पूरा होने से पहले राष्ट्रपति का पद खाली हो जाता है तो देश की संसद उसके अन्य सदस्यों में से किसी एक को नया राष्ट्रपति नियुक्त करती है। वह सदस्य बचे हुए कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति पद संभालता है। कानून के मुताबिक मौजूदा राष्ट्रपति के इस्तीफे के तीन दिन के भीतर संसद का सत्र होना चाहिए।
श्रीलंका में जब राष्ट्रपति इस्तीफा देते हैं उसके एक महीने के भीतर नए राष्ट्रपति के लिए प्रक्रिया शुरू होती है। वहीं यदि अगले राष्ट्रपति के लिए एक से अधिक व्यक्तियों को मनोनीत किया जाता है तो एक गुप्त मतदान लिया जाता है। इसके बाद नए राष्ट्रपति का चुनाव पूर्ण बहुमत से किया जाता है। यानि कि 13 जुलाई को राष्ट्रपति जब इस्तीफा देंगे तो उसके अगले एक महीने तक श्रीलंका में राष्ट्रपति का पद खाली रहेगा।
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