India News(इंडिया न्यूज),Sri Lanka: श्रीलंका के लिए अभी का समय अत्यधिक खराब चल रहा है। जहां श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने तमिल बहुत पूर्वी प्रांत को एक बहुआयामी केंद्र में बदलने का वादा किया है। इसके लिए उन्होंने भारत की ओर से दी जा रही मदद का भी जिक्र किया है। बता दें कि, श्रीलंका के भीतर विकासात्मक पहलों पर गुरुवार को एक विशेष समिति की बैठक आयोजित की गई। जहां बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा कि, पूर्वी विकास परियोजना में तेजी लाने पर जोर दिया और द्वीप राष्ट्र की नकदी की कमी वाली अर्थव्यवस्था के लिए एक अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने पर विचार किया जा रहा है।
राष्ट्रपति कार्यालय ने जारी निर्देश
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, राष्ट्रपति के द्वारा कही इस बात के बारे में राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि, राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने इस परियोजना में भारत की मदद लेने की जरूरत पर जोर दिया और इसके रणनीतिक महत्व को रेखांकित किया। इसके साथ हीं राष्ट्रपति ने त्रिंकोमाली के ऊर्जा, परिवहन, समुद्री वाणिज्य, नौसेना संचालन, विमानन, उद्योग और पर्यटन को शामिल करते हुए एक बहुआयामी केंद्रके लिए व्यापक दृष्टिकोण को रेखांकित किया। वित्त मंत्री विक्रमसिंघे ने इसमें
भारत के बीच स्थापित समौझता
आगे कहते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘वर्तमान में गुरबाना जुरोंग यानी सिंगापुर की प्रमुख बुनियादी ढांचा परामर्श कंपनी द्वारा तैयार की गई एक व्यापक योजना त्रिंकोमाली जिले के विकास से संबंधित है, जिसे श्रीलंका और भारत के बीच एक स्थापित समझौते का समर्थन प्राप्त है।’ उन्होंने कहा,’यह जरूरी है कि इस समझौते को लागू किया जाए। वहीं विकास कार्यनीति में एक सावधानीपूर्वक तैयार किया गया कार्यक्रम शामिल है, जिसका उद्देश्य वेरुगलारू से पनामा तक फैले कुमाना तटीय क्षेत्र का विस्तार करना है। इस विस्तार को पर्यटन क्षेत्र की उन्नति के लिए उपयोग किए जाने की कल्पना की गई है।
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