India News ( इंडिया न्यूज़ ) America News : अमेरिका सरकार ने कैलिफोर्निया की एक अदालत से पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा द्वारा दायर की गई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को अस्वीकार करने का आग्रह किया है और दोहराया है कि उसे भारत प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए, जहां वह 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में संलिप्तता को लेकर वांछित है। बता दें अमेरिका की भारत के प्रति मजबूत दोस्ती को अभी हाल के पीएम मोदी की यूएस राजकीय दौरे से भी जोड़ सकते है। यात्रा के बाद से दोनों देश के संबंध में काफी सुधार आया है।

2008 में मुंबई में हुआ आतंकी हमला

पाकिस्तानी मूल के तहव्वुर राणा 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले का मुख्य आरोपी है। अमेरिका के एक अदालत ने इसके भारत प्रत्यार्पण की मई में मंजूरी दे दी थी। लेकिन आरोपी राणा ने इसके खिलाफ याचिका दायर की है। राणा इस समय लॉस एंजिलिस स्थित ‘मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर’ में हिरासत में है। भारत ने प्रत्यर्पण के लिए राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग करते हुए 10 जून 2020 को शिकायत दर्ज कराई थी। वहीं, हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रत्यार्पण का समर्थन किया है और इसकी मंजूरी दे दी है।

अमेरिका ने राणा के दावों को नकारा

अमेरिकी अटॉर्नी एस्ट्राडा ने 23 जून को दायर अभिवेदन में तर्क दिया कि राणा का मुंबई स्थित उसके कारोबारों के वैध होने का दावा झूठा है। उन्होंने कहा कि सबूत उसके इन दावों की पुष्टि नहीं करते कि मुंबई स्थित कार्यालय में वैध काम होता था और यदि ऐसा था, तो भी वैध कारोबारी गतिविधियां इस तथ्य को नहीं दबा सकतीं कि राणा के कारोबार ने उसके बचपन के दोस्त पाकिस्तानी-अमेरिकी डेविड कोलमैन हेडली की मुंबई में आतंकवाद संबंधी गतिविधियों को छुपाने का काम किया था। एस्ट्राडा ने कहा, ‘‘मुंबई कार्यालय के वित्त पोषण संबंधी राणा के दावे भी इस बात से मेल नहीं खाते कि उसे हेडली की गतिविधियों की जानकारी नहीं थी और उसने इनका समर्थन नहीं किया।