Taliban
इंडिया न्यूज, काबूल:

अफगानिस्तान पर तालिबानियों के सत्ता में आते ही मुसीबत का पहाड़ टूटता दिखाई दे रहा है। तालिबान का कब्जा होते ही देश की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है। देश में हर तरफ पैसों की कमी साफ देखी जा रही, बैंकों से रुपया खत्म हो गया है। लोग बेटियां बेचने को मजबूर हो रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाएं हाशिए पर आ गई हैं।

यही नहीं अफगानिस्तान के विदेशी खातों को भी फ्रीज कर दिया गया है। तालिबानी मुखिया देश में निवेश करने के लिए टीवी चैनल पर आकर मदद की गुहार लगा रहे हैं। उसके बाद भी कोई देश मदद के लिए आगे नहीं आया है। ऐसे में बेशक अमेरिका अफगान धरती से वापस लौट गया हो लेकिन अमेरिकी डॉलर अभी भी यहां प्रचलन में है। वहीं अफगान-पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों में पाक करेंसी चलाई जा रही है।

जो कि तालिबान की आंखों में चुभने लगी है। बद से बदतर हो रही देश की इकोनॉमी के बावजूद तालिबानी सरकार ने देशवासियों के लिए नया हुक्म जारी कर दिया है। जिसमें तालिबान के प्रवक्त्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने ऐलान किया है कि अगर कोई भी नागरिक देश में विदेशी करेंंसी इस्तेमाल करता हुआ पाया गया तो उस पर मुकदमा चलाया जाएगा। ऐसे में साफ जाहिर है कि अफगान सरकार के पास खुद की करेंसी है नही, विदेशी चलेगी नहीं, तो देश की आवाम गुजारा कैसे करेगी।

बता दें कि जब से अफगान पर तालिबान ने कब्जा कर सरकार बनाई है तब से ही देश की मुद्रा में गिरावट जारी है। ऐसे हालातों में अफगानिस्तान के कारोबारियों, व्यापारियों समेत आम जनता के लिए मुजाहिद का फरमान किसी मुसिबत से कम नहीं है। जबीउल्लाह का मानना है कि जब तक अफगानी मुद्रा का चलन देश में नहीं बढ़ेगा तब तक देश अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर नहीं ला सकता, इसके लिए विदेशी मुद्रा पर रोक लगानी बहुत जरूरी है।

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