विदेश

ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन को कुचलने की तालिबानी कोशिश, प्रदर्शनकारी को फांसी देने से होगी शांति बहाल ?

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : ईरान में 16 सितंबर को शुरू हुआ हिजाब विरोधी प्रदर्शन अभी भी जारी है। इस बीच ईरान से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। देश में लगातार जारी अशांति के बीच हिजाब विवाद में तेहरान कोर्ट ने फैसला सुनाया है। आपको बता दें, तेहरान कोर्ट ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी को फांसी और कुछ अन्य लोगों को जेल की सजा सुनाई गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान में पहली बार किसी प्रदर्शनकारी को मौत की सजा सुनाई गई है।

सजा पाने वाले फैसले के खिलाफ जा सकते हैं अदालत

आपको बता दें, जिस शख्स को फांसी की सजा हुई है। दोषी शख्स पर सरकारी इमारतों में आग लगाने, दंगे भड़काने और राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगा है। माना जा रहा हिजाब विरोध प्रदर्शन मामले में जिन लोगों को सजा हुई है, वे सभी इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। ज्ञात हो, सितंबर में महसा अमीनी की मौत के बाद सरकार की जड़ें हिला देने वाले इस प्रदर्शन में शामिल किसी प्रदर्शनकारी को मौत की सजा सुनाए जाने का यह पहला मामला है।

हिजाब विरोध में शामिल होने पर तीन प्रांतों में 750 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रविवार को हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए तीन प्रांतों में 750 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले, सितंबर में विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से राजधानी तेहरान में 2,000 से अधिक लोगों पर हिंसा के आरोप लगाए गए हैं। दक्षिणी होर्मोज़्गन प्रांत के ज्यूडिशियल चीफ मोजतबा घरेमानी ने कहा कि हाल के दंगों के बाद 164 लोगों पर हिंसा के आरोप लगाए गए थे। प्रदर्शनकारियों पर पर हत्या के लिए उकसाने, सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने, सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।

हिजाब विवाद की शुरुआत

आपको बता दें, 16 सितंबर को पुलिस हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद हिजाब विरोधी आंदोलन शुरू हुआ था। महसा 13 सितंबर को अपने परिवार से मिलने तेहरान आई थीं। उसने हिजाब नहीं पहना हुआ था। जिसके बाद पुलिस ने तुरंत महसा को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के 3 दिन बाद महसा की मृत्यु हो गई। अमिनी की मौत का कारण सिर में चोट बताया गया था, लेकिन उसके रिश्तेदारों ने दावा किया कि उसे पहले से कोई बीमारी नहीं थी।

हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि महसा के थाने पहुंचने और अस्पताल जाने के बीच क्या हुआ। जिसके बाद से यह मामला सुर्खियों में आया और लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। महसा अमिनी की मौत और अनिवार्य हिजाब के विरोध में कई महिलाओं ने अपने बाल कटवा लिए। इतना ही नहीं, कई महिलाओं ने हिजाब भी जला दिए।

हिजाब पहननने को मजबूर 10 साल से अधिर उम्र की महिलाएं

बता दें, महसा अमिनी को देश के सख्त ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के बाद हिरासत में लिया गया था। 1979 में इस्लामी क्रांति के बाद ही ईरान में महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां बढ़ा दी गई थीं, कपड़े पहनने के लिए कानून बनाया गया। हिजाब पहनने को 1981 से अनिवार्य भी कर दिया गया। इसके बाद से करीब 10 साल से अधिक उम्र की लड़कियां और महिलाएं हिजाब से सिर ढकने के लिए मजबूर हैं। हालाँकि, महसा की मौत के बाद ईरान में सरकार के इस सख्त कानून का विरोध कर रहे हैं। इस सरकार विरोधी प्रदर्शन को लगभग 8 हफ्ते बीत चुके हैं।

Ashish kumar Rai

Recent Posts

कुर्सी पर बैठने से पहले ट्रंप की बड़ी बदनामी, बच्चों के साथ गंदा काम करने की आरोपी बनी वजह, मामला जानकर सदमे में अमेरिका वासी

Trump Education Secretary: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शिक्षा सचिव के लिए नामित…

6 minutes ago

UK Weather News: उत्तराखंड में ठंड बढ़ने से लोग परेशान, दो जिलों में घने कोहरे का अलर्ट

India News (इंडिया न्यूज),UK Weather News: उत्तराखंड के सभी जिलों में इन दिनों मौसम शुष्क बना…

25 minutes ago

पटना में JDU कार्यालय पर ग्राम रक्षा दल का घेराव! जमकर किया हंगामा, जानें मामला

India News (इंडिया न्यूज), JDU Office: पटना में जदयू प्रदेश कार्यालय का घेराव करने के…

32 minutes ago

Delhi Election 2025: अरविंद केजरीवाल ने किया बड़ा ऐलान, दिल्ली चुनावी कैंपेन का आज करेंगे आगाज

India News (इंडिया न्यूज),Delhi Election 2025: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप)…

49 minutes ago

UP By Election 2024: यूपी उपचुनाव के परिणाम से पहले अखिलेश यादव का बड़ा बयान ‘समय आने पर…’

India News (इंडिया न्यूज), UP By Election 2024: त्तर प्रदेश में उपचुनाव के परिणामों से…

54 minutes ago